न फिर से वोटिंग और न कोई मौत, बिहार में पहली बार हुआ ऐसा, PM मोदी ने यूं ही नहीं की EC की तारीफ

Edited By Updated: 15 Nov, 2025 02:31 AM

no re voting no deaths this is the first time this has happened in bihar

बिहार विधानसभा चुनाव के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ कि मतदान के दिन किसी की भी मौत नहीं हुई और किसी भी निर्वाचन क्षेत्र में पुनर्मतदान की जरूरत नहीं पड़ी। आधिकारिक आंकड़ों से पता चलता है कि पिछले विधानसभा चुनावों में राज्य में हिंसा हुई, कुछ मौतें...

नेशनल डेस्कः बिहार विधानसभा चुनाव के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ कि मतदान के दिन किसी की भी मौत नहीं हुई और किसी भी निर्वाचन क्षेत्र में पुनर्मतदान की जरूरत नहीं पड़ी। आधिकारिक आंकड़ों से पता चलता है कि पिछले विधानसभा चुनावों में राज्य में हिंसा हुई, कुछ मौतें भी हुईं और कई निर्वाचन क्षेत्रों में फिर से चुनाव भी कराने पड़े थे।

बिहार में राजग की शानदार जीत के बाद यहां भाजपा मुख्यालय में पार्टी कार्यकर्ताओं और समर्थकों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि वे दिन गए जब राज्य में चुनाव में हिंसा, बूथों पर कब्जा और कदाचार के कारण पुनर्मतदान होते थे। उन्होंने कहा कि इस बार चुनाव के दौरान राज्य में हिंसा की कोई घटना नहीं हुई और चुनाव आयोग को किसी भी मतदान केंद्र पर पुनर्मतदान का आदेश नहीं देना पड़ा। उन्होंने कहा, ‘‘बिहार चुनाव में जंगलराज के दौरान बूथ कैप्चरिंग, हिंसा एक आम बात हुआ करती थी, लेकिन अब ऐसा कोई मामला नहीं होता है।''

उन्होंने यह भी कहा कि पहले के अवसरों पर, राज्य के कुछ निर्वाचन क्षेत्रों में माओवादियों के डर से दोपहर 3 बजे मतदान समाप्त हो जाता था। लेकिन अब अन्य इलाकों की तरह 11 घंटे तक मतदान हुआ। मतदान आमतौर पर सुबह 7 बजे शुरू होता है और शाम 6 बजे समाप्त होता है। मोदी ने विधानसभा चुनावों में रिकॉर्ड संख्या में मतदान करके लोकतंत्र और चुनाव आयोग में विश्वास जताने के लिए लोगों को बधाई दी। बिहार में 7.45 करोड़ से अधिक मतदाता हैं। इस बार 66.91 प्रतिशत मतदान हुआ। यह 1951 में हुए पहले बिहार चुनाव के बाद से सबसे अधिक मतदान है। मतदान केंद्रों पर 3.51 करोड़ मतदाता मतदान करने के लिए पहुंचे। बिहार ने अपने इतिहास में सबसे अधिक महिला मतदान दर्ज किया।

आंकड़ों के अनुसार, 1985 के चुनावों में 63 मौतें हुई थीं और 156 मतदान केंद्रों पर पुनर्मतदान का आदेश दिया गया था। साल 1990 के चुनावों के दौरान, चुनाव संबंधी हिंसा में 87 लोग मारे गए थे। साल 1995 में, तत्कालीन मुख्य चुनाव आयुक्त टी एन शेषन ने अप्रत्याशित हिंसा और चुनावी कदाचार के कारण बिहार चुनावों को चार बार स्थगित करने का आदेश दिया था। आंकड़ों के अनुसार, 2005 में हिंसा और कदाचार के कारण 660 मतदान केंद्रों पर पुनर्मतदान हुआ था। बिहार में इस साल दो चरणों में विधानसभा चुनाव हुए और इसके लिए मतगणना जारी है। 

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