Edited By Radhika Salwan,Updated: 10 Dec, 2025 04:51 PM

ओडिशा सरकार ने बुधवार को हिंसा प्रभावित मलकानगिरी जिले में इंटरनेट सेवाओं का निलंबन 24 घंटे के लिए बढ़ा दिया। पुलिस ने बताया कि एक आदिवासी महिला का कटा हुआ सिर नदी किनारे से बरामद किया गया।
नेशनल डेस्क: ओडिशा सरकार ने बुधवार को हिंसा प्रभावित मलकानगिरी जिले में इंटरनेट सेवाओं का निलंबन 24 घंटे के लिए बढ़ा दिया। पुलिस ने बताया कि एक आदिवासी महिला का कटा हुआ सिर नदी किनारे से बरामद किया गया। पुलिस के मुताबिक राखेलगुडा गांव की रहने वाली 51 वर्षीय लाके पोडियामी का धड़ चार दिसंबर को मिला था जबकि उसका कटा हुआ सिर लगभग 15 किलोमीटर दूर बरामद किया गया। पुलिस ने बताया कि कटा हुआ सिर कन्या आश्रम के पास पोटेरू नदी के किनारे मिला। राखेलगुडा और एमवी 25 दोनों गांवों में निषेधाज्ञा बरकरार है जबकि सरकार ने मलकानगिरी जिलाधिकारी की सिफारिश पर इंटरनेट सेवा निलंबन की अवधि 24 घंटे के लिए बढ़ा दी है।
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एक अधिकारी ने बताया कि प्रतिबंध पहले बुधवार दोपहर 12 बजे तक लागू था। उन्होंने बताया कि मंगलवार को कड़ी सुरक्षा और वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में महिला के शव को उसके गांव में दफना दिया गया। एक अधिकारी ने बताया, “कटा हुआ सिर बरामद होने के बाद पुलिस जांच में जुटी है और महिला की हत्या के कारणों का पता लगाने के लिए छानबीन कर रही है।” महिला एक दिसंबर से लापता थी और उसके परिवार वालों ने तीन दिसंबर को गुमशुदगी का मामला दर्ज कराया था। पुलिस ने बताया कि महिला का शव चार दिसंबर को मिला जबकि सिर बुधवार को बरामद किया गया।
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महिला का सिर कटा शव मिलने के बाद रविवार दोपहर हिंसा भड़क गयी थी। राखेलगुडा गांव में रहने वाले आदिवासी लोगों ने बड़ी संख्या में जिले के एमवी-26 गांव पर कथित रूप से हमला कर दिया। इस गांव में ज्यादातर लोग बांग्ला भाषी हैं। एमवी-26 गांव में आदिवासियों ने हमला कर लगभग 200 घरों को क्षतिग्रस्त कर दिया और कुछ में आग लगा दी। इस बीच, पुलिस ने आदिवासी महिला की हत्या के आरोप में सुभा रंजन मंडल (42) को गिरफ्तार कर लिया। इस हत्या के कारण आदिवासी बहुल जिले में हिंसा भड़क उठी। मलकानगिरि जिलाधिकारी सोमेश कुमार उपाध्याय ने ‘पीटीआई-भाषा' को बताया, “प्रशासन ने एमवी-26 गांव में एक निःशुल्क रसोई खोली है और लोगों को भोजन, कंबल और अन्य आवश्यक वस्तुएं उपलब्ध कराई गयी हैं। गांव से भागे लगभग 300 लोग लौट आए हैं और एक अस्थायी आश्रय में रह रहे हैं।”