Edited By Anu Malhotra,Updated: 11 Sep, 2025 09:53 AM

पहले हेल्थ इंश्योरेंस का मतलब था – तब ही काम आएगा जब आप अस्पताल में भर्ती होंगे। लेकिन अब ये सोच बदल रही है। लोग अब हेल्थ इंश्योरेंस का इस्तेमाल सिर्फ बड़ी बीमारियों या हॉस्पिटलाइजेशन के लिए नहीं, बल्कि रोजमर्रा के इलाज और छोटी-मोटी परेशानियों के...
नेशनल डेस्क: पहले हेल्थ इंश्योरेंस का मतलब था – तब ही काम आएगा जब आप अस्पताल में भर्ती होंगे। लेकिन अब ये सोच बदल रही है। लोग अब हेल्थ इंश्योरेंस का इस्तेमाल सिर्फ बड़ी बीमारियों या हॉस्पिटलाइजेशन के लिए नहीं, बल्कि रोजमर्रा के इलाज और छोटी-मोटी परेशानियों के लिए भी करने लगे हैं। इसकी वजह है – OPD कवर (Out Patient Department Cover), जो अब हेल्थ इंश्योरेंस का एक अहम हिस्सा बनता जा रहा है।
तेजी से बढ़ा OPD कवर का चलन
Policybazaar की एक रिपोर्ट के मुताबिक, तीन साल पहले सिर्फ 5% हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसियों में OPD कवर शामिल था, लेकिन आज यह आंकड़ा 22% तक पहुंच चुका है। यानी अब लोग ऐसी पॉलिसी लेने लगे हैं जिसमें उन्हें हॉस्पिटल में भर्ती हुए बिना भी डॉक्टर से दिखाने, टेस्ट कराने और दवाइयां लेने पर इंश्योरेंस का लाभ मिल सके।
क्या-क्या शामिल होता है OPD कवर में?
OPD कवर के तहत बीमाधारक को निम्न खर्चों पर कैशलेस या रिइम्बर्समेंट सुविधा मिलती है:
इन खर्चों का करीब 90% क्लेम बिना जेब से पैसे दिए सीधे इंश्योरेंस कंपनी द्वारा निपटाया जाता है।
कैसे हो रहा है आम लोगों को फायदा?
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साल में कई बार इस्तेमाल: लोग अब साल में 3–4 बार OPD सुविधा का उपयोग कर पा रहे हैं, जबकि अस्पताल में भर्ती होने के क्लेम शायद सालों में एक बार ही होते हैं।
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बड़ी बीमारी से पहले इलाज: जिनके पास OPD कवर होता है, उनमें हॉस्पिटलाइजेशन के केस 5–10% तक घटे हैं।
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डिजिटल इलाज: आधे से ज्यादा लोग अब वीडियो या फोन कॉल पर डॉक्टर से परामर्श ले रहे हैं, जो OPD कवर के तहत आता है।
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खर्च की समझ: रिपोर्ट बताती है कि OPD क्लेम में –
कौन लोग ले रहे हैं ये सुविधा?
OPD कवर की मांग खासतौर पर शहरी प्रोफेशनल्स में देखी जा रही है:
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30–45 वर्ष के लोग सबसे ज्यादा (33%) इसे चुन रहे हैं।
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18–30 वर्ष के युवाओं की हिस्सेदारी 27% है।
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मुंबई, चेन्नई, हैदराबाद जैसे बड़े शहरों में OPD कवर तेजी से लोकप्रिय हो रहा है।