Edited By Rohini Oberoi,Updated: 13 Nov, 2025 11:21 AM

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली इस समय गंभीर वायु प्रदूषण के संकट से जूझ रही है जिसके चलते शहर की हवा ज़हरीली हो चुकी है। इस आपातकालीन स्थिति को देखते हुए दिल्ली नगर निगम (MCD) ने प्रदूषण नियंत्रण के उपायों को युद्ध स्तर पर लागू करना शुरू कर दिया है।...
नेशनल डेस्क। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली इस समय गंभीर वायु प्रदूषण के संकट से जूझ रही है जिसके चलते शहर की हवा ज़हरीली हो चुकी है। इस आपातकालीन स्थिति को देखते हुए, दिल्ली नगर निगम (MCD) ने प्रदूषण नियंत्रण के उपायों को युद्ध स्तर पर लागू करना शुरू कर दिया है। नियमों का उल्लंघन करने वालों पर अब सख्त कार्रवाई और भारी जुर्माने की तलवार लटक रही है।
MCD ने उतारा एंटी-पॉल्यूशन दस्ता
प्रदूषण के खिलाफ लड़ाई को तेज़ करते हुए MCD की टीमें अब अत्याधुनिक उपकरणों का इस्तेमाल कर रही हैं:
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एंटी स्मॉग गन (Anti-Smog Guns): ये हवा में पानी की महीन बूंदें छोड़ती हैं जिससे धूल और प्रदूषक कण ज़मीन पर बैठ जाते हैं।
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मैकेनिकल रोड स्वीपर (Mechanical Road Sweepers): ये मशीनें सड़कों की सफाई करती हैं जिससे धूल का उड़ना कम होता है।
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कर्मचारियों की तैनाती: 6,130 किलोमीटर लंबी सड़कों की दैनिक सफाई के लिए 57,000 कर्मचारी तैनात हैं।
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धूल नियंत्रण: 3,400 किलोमीटर मुख्य सड़कों पर धूल नियंत्रण के लिए 52 मैकेनिकल रोड स्वीपर लगाए गए हैं।
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विशेष उपकरण: लैंडफिल साइटों पर 167 वॉटर स्प्रिंकलर, 28 मोबाइल एंटी स्मॉग गन, 20 स्थिर एंटी स्मॉग गन और ऊंची इमारतों पर 15 एंटी स्मॉग गन का भी उपयोग किया जा रहा है।
उल्लंघन पर 50 हज़ार तक का भारी जुर्माना
MCD अधिकारियों ने साफ कर दिया है कि राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) के दिशा-निर्देशों के तहत प्रदूषण फैलाने वाले कार्यों में लिप्त पाए जाने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
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जुर्माना: नियमों का उल्लंघन करने वालों पर ₹5,000 से लेकर ₹50,000 तक का भारी जुर्माना लगाया जा सकता है।
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निगरानी: निर्माण स्थलों, औद्योगिक क्षेत्रों और सड़कों पर कचरा जलाने जैसी गतिविधियों पर निगम की टीमें लगातार पैनी नज़र बनाए हुए हैं।
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व्यापार जगत को रोज़ाना ₹100 करोड़ का नुकसान
वायु प्रदूषण का सीधा असर दिल्ली के कारोबार पर भी पड़ रहा है। व्यापारी संगठन चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (CTI) के चेयरमैन बृजेश गोयल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर इस ओर ध्यान आकर्षित किया है। पत्र में बताया गया है कि प्रदूषण के कारण दिल्ली के व्यापार को रोज़ाना लगभग ₹100 करोड़ का नुकसान हो रहा है। व्यापारी वर्ग ने सरकार को प्रदूषण से निपटने में पूरा सहयोग देने का आश्वासन दिया है।
पार्किंग शुल्क दोगुना करने का प्रस्ताव
प्रदूषण के एक मुख्य कारण—वाहनों की बढ़ती संख्या—को कम करने के लिए MCD एक महत्वपूर्ण कदम उठाने की तैयारी में है।
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प्रस्ताव: निगम सदन की बैठक में पार्किंग शुल्क को दोगुना करने का प्रस्ताव रखा जाएगा।
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उद्देश्य: इस कदम का उद्देश्य लोगों को निजी वाहनों के इस्तेमाल से हतोत्साहित करना है जिससे सड़कों पर गाड़ियों की संख्या घटे और प्रदूषण पर नियंत्रण पाया जा सके।
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अंतिम निर्णय: इस प्रस्ताव पर अंतिम फैसला सदन की मंज़ूरी के बाद ही लिया जाएगा।
दिल्ली का AQI सीवियर कैटेगरी में
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के आंकड़ों के अनुसार दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) इस सीज़न में पहली बार सीवियर (गंभीर) कैटेगरी में पहुंच गया है।
सरकार और MCD ने नागरिकों से अपील की है कि वे प्रदूषण फैलाने वाले किसी भी कार्य से बचें अन्यथा उन्हें भारी वित्तीय दंड का सामना करना पड़ सकता है।