Edited By Mehak,Updated: 05 Oct, 2025 04:51 PM

पोस्ट ऑफिस की छोटी बचत योजनाओं में निवेश से कम निवेश में भी लंबी अवधि में बड़ी रकम और नियमित पेंशन हासिल की जा सकती है। अगर कोई रोजाना ₹416 बचत करके PPF में निवेश करता है, तो 25 साल में करीब ₹1.03 करोड़ जमा हो सकते हैं। इसके बाद SCSS में निवेश से...
नेशनल डेस्क : बैंकों की फिक्स्ड डिपॉजिट के साथ ही भारतीय नागरिक Post Office की छोटी बचत योजनाओं में भी निवेश करते हैं। सरकार PPF, सुकन्या समृद्धि योजना, सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम (SCSS) जैसी योजनाओं के जरिए निवेशकों को सुरक्षित और टैक्स-फ्री इनकम का विकल्प देती है। ये योजनाएं बिना रिस्क वाली हैं और लंबी अवधि में रिटायरमेंट के लिए मोटी राशि जुटाने में मदद करती हैं।
PPF: लंबी अवधि का भरोसेमंद विकल्प
पब्लिक प्रॉविडेंट फंड (PPF) में निवेश करने से लंबी अवधि में अच्छा रिटर्न मिलता है। सरकार इस पर सालाना 7.1% ब्याज देती है। PPF की मैच्योरिटी अवधि 15 साल की होती है, जिसे आप 5-5 साल बढ़ाकर लंबा कर सकते हैं।
- अधिकतम निवेश सीमा: 1.5 लाख रुपये प्रति वर्ष
- टैक्स लाभ: धारा 80C के तहत पूरा निवेश टैक्स-फ्री
यदि आप महीने में 12,500 रुपये या रोजाना 416 रुपये बचत करके निवेश करते हैं, तो
- 15 साल में कुल राशि लगभग ₹41.35 लाख होगी (निवेश ₹22.50 लाख + ब्याज ₹18.85 लाख)
- 20 साल में राशि बढ़कर ₹67.69 लाख हो जाएगी (निवेश ₹30 लाख + ब्याज ₹37.69 लाख)
- 25 साल में कुल राशि ₹1.03 करोड़ तक पहुंच जाएगी (निवेश ₹37.50 लाख + ब्याज ₹65.50 लाख)
SCSS: रिटायरमेंट के बाद नियमित आय
सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम (SCSS) 60 साल या उससे अधिक उम्र के नागरिकों के लिए है। हालांकि 55 साल की उम्र में रिटायर हुए कर्मचारी भी निवेश कर सकते हैं।
- एकल खाता: अधिकतम 15 लाख रुपये
- संयुक्त खाता: अधिकतम 30 लाख रुपये
- ब्याज दर: 8.2% प्रति वर्ष
मान लीजिए आपने 35 साल की उम्र में PPF में निवेश किया और 25 साल बाद 60 साल की उम्र में PPF से ₹1.03 करोड़ मिलते हैं। अब आप इसमें से 30 लाख रुपये SCSS में निवेश कर सकते हैं।
- तिमाही आधार पर ब्याज: ₹61,500
- सालाना ब्याज: ₹2,46,000
- पांच साल तक यह नियमित आय जारी रहेगी
आप चाहें तो 5 साल के बाद मूल राशि निकाल सकते हैं या 3 साल और निवेश को बढ़ा सकते हैं।
निवेशकों के लिए सलाह
- छोटी बचत योजनाओं में नियमित निवेश करें, चाहे राशि थोड़ी हो।
- लंबी अवधि में PPF और SCSS का संयोजन रिटायरमेंट के लिए सुरक्षित और टैक्स-फ्री इनकम प्रदान करता है।
- SCSS में निवेश से तिमाही आधार पर पेंशन जैसी नियमित आय भी सुनिश्चित होती है।
इन योजनाओं के जरिए आप कम निवेश से लंबी अवधि में करोड़ों रुपये और नियमित आय का प्रबंध कर सकते हैं।