Edited By Anu Malhotra,Updated: 17 Nov, 2025 08:22 AM

जमुई रेलवे स्टेशन पर शनिवार देर रात एक रूटीन चेकिंग उस समय हाई-प्रोफाइल ऑपरेशन में बदल गई, जब दुरंतो एक्सप्रेस में बैठा एक यात्री अपने बैग को लेकर संदिग्ध नजर आया। जैसे ही आरपीएफ दानापुर और जीआरपी झाझा की संयुक्त टीम ने उससे पूछताछ शुरू की, मामला...
नेशनल डेस्क: जमुई रेलवे स्टेशन पर शनिवार देर रात एक रूटीन चेकिंग उस समय हाई-प्रोफाइल ऑपरेशन में बदल गई, जब दुरंतो एक्सप्रेस में बैठा एक यात्री अपने बैग को लेकर संदिग्ध नजर आया। जैसे ही आरपीएफ दानापुर और जीआरपी झाझा की संयुक्त टीम ने उससे पूछताछ शुरू की, मामला सामान्य नहीं बल्कि चौंकाने वाला निकल आया।
ट्रेन पहुंचते ही शुरू हुई विशेष जांच
सुरक्षा नियंत्रण कक्ष से पहले ही ट्रेन एस्कॉर्ट टीम को संकेत मिल चुका था कि झाझा में विशेष तलाशी जरूरी है। प्लेटफॉर्म नंबर 2 पर ट्रेन रुकते ही एस-3 कोच को टारगेट करते हुए टीमें जांच में जुट गईं।
‘किताबें हैं’ का दावा, लेकिन पुलिस को लगा शक
तलाशी के दौरान अधिकारियों की नजर एक युवक पर पड़ी, जो काला पिट्ठू बैग अपनी गोद से चिपकाए बैठा था। जब उससे बैग के बारे में पूछा गया, तो वह बड़ी सहजता से बोला—“इसमें किताबें हैं।” परंतु उसके हावभाव इतने असामान्य थे कि टीम ने बैग खोलने का फैसला कर लिया।
बैग खुला तो फैली खामोशी—70 लाख की नकदी बरामद
जैसे ही चेन खुली, सामने आए नोटों के 28 बंडल। गिनती के बाद रकम करीब 70 लाख रुपये निकली। इतनी भारी नकदी देखकर जांच टीम भी कुछ क्षण के लिए थम गई।
दिल्ली के करोलबाग का निवासी निकला आरोपी
यात्री की पहचान श्यामसुंदर दास के रूप में हुई, जो दिल्ली के रेगरपुरा, करोलबाग का रहने वाला है। पूछताछ में उसने बताया कि यह बैग उसे दिल्ली के करोलबाग स्थित एक मंदिर में सेवक के रूप में काम करने वाले सुखदेव नायक ने दिया था और इसे कोलकाता तक पहुंचाने को कहा गया था। हालांकि पैसे किसके हैं, क्यों भेजे जा रहे थे और असली मालिक कौन है—इन सवालों पर वह कोई ठोस जवाब नहीं दे पाया।
इनकम टैक्स विभाग हुआ सक्रिय
इतनी बड़ी कैश रिकवरी के बाद तत्काल आयकर विभाग को सूचना दी गई। विभाग की टीम अब यह जांच कर रही है कि रकम वैध स्रोत से आई है या किसी अवैध गतिविधि का हिस्सा है।