किसान नेता राकेश टिकैत बोले- सरकार के साथ बातचीत करते रहना चाहते हैं किसान संघ

Edited By Yaspal,Updated: 14 Jan, 2021 08:18 PM

rakesh tikait said  farmers  union wants to keep talking with the government

भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने बृहस्पतिवार को कहा कि प्रदर्शनकारी किसान संघ सरकार के साथ तय नौवें दौर की वार्ता में शामिल होंगे और गतिरोध को सुलझाने तथा आंदोलन को समाप्त करने के लिए वार्ता को जारी रखना जरूरी है। राष्ट्रीय राजधानी की...

नई दिल्लीः भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने बृहस्पतिवार को कहा कि प्रदर्शनकारी किसान संघ सरकार के साथ तय नौवें दौर की वार्ता में शामिल होंगे और गतिरोध को सुलझाने तथा आंदोलन को समाप्त करने के लिए वार्ता को जारी रखना जरूरी है। राष्ट्रीय राजधानी की सीमाओं पर कई सप्ताह से जारी किसानों के प्रदर्शन को समाप्त करने में अब तक हुई आठ दौर की वार्ता में कोई सफलता नहीं मिली है। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने आज दिन में कहा कि सरकार को शुक्रवार की निर्धारित वार्ता में सकारात्मक परिणाम निकलने की उम्मीद है। टिकैत ने भी कहा कि प्रदर्शनकारी संघ शुक्रवार को केंद्रीय मंत्रियों के साथ बैठक में भाग लेंगे।

क्या किसान संघों को शुक्रवार को होने वाली वार्ता से कोई उम्मीद है, इस सवाल के जवाब में भाकियू नेता ने कहा, ‘‘देखते हैं कि कल क्या होता है। लेकिन, सरकार के साथ हमारी बैठकें तब तक जारी रहेंगी जब तक हमारा प्रदर्शन समाप्त नहीं हो जाता क्योंकि ऐसा होना जरूरी है।'' जब पूछा गया कि अगर कोई समाधान नहीं निकलता तो क्या शुक्रवार की वार्ता अंतिम हो सकती है, इस पर टिकैत ने कहा, ‘‘हम सरकार के साथ बैठकों का विरोध नहीं करेंगे।'' तोमर ने कहा था, ‘‘सरकार खुले मन से किसान नेताओं के साथ वार्ता करने को तैयार है।''

नौवें दौर की वार्ता को लेकर संशय को दूर करते हुए किसान नेता ने कहा कि सरकार और किसान नेताओं के बीच तय समयानुसार 15 जनवरी को दोपहर 12 बजे वार्ता शुरू होगी। उच्चतम न्यायालय ने 11 जनवरी को गतिरोध के समाधान के लिए चार सदस्यीय समिति का गठन किया था। प्रस्तावित समिति के एक प्रमुख सदस्य ने खुद को इससे अलग कर लिया। किसान संघ कहते रहे हैं कि वे सरकार के साथ निर्धारित वार्ता में शामिल होने के लिए तैयार हैं। हालांकि उन्होंने कहा है कि वे अदालत द्वारा नियुक्त समिति के समक्ष पेश नहीं होना चाहते हैं और उन्होंने इसके सदस्यों को लेकर भी सवाल उठाये हैं।

भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष भूपिंदर सिंह मान ने आज दिन में कहा था कि वह चार सदस्यीय समिति से खुद को अलग कर रहे हैं। किसान संघों और विपक्षी दलों ने इसे ‘सरकार समर्थक समिति' करार दिया और कहा है कि इसके सदस्य पहले इन तीन कानूनों के पक्ष में रहे हैं।

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