Edited By Harman Kaur,Updated: 24 Jul, 2025 03:02 PM

भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने कर्नाटक स्थित कारवार अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक (Karwar Urban Co-operative Bank) का लाइसेंस रद्द कर दिया है। केंद्रीय बैंक ने कहा कि यह बैंक अब जमाकर्ताओं के लिए सुरक्षित नहीं है और इसकी वित्तीय स्थिति बेहद खराब हो चुकी है।
नेशनल डेस्क: भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने कर्नाटक स्थित कारवार अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक (Karwar Urban Co-operative Bank) का लाइसेंस रद्द कर दिया है। केंद्रीय बैंक ने कहा कि यह बैंक अब जमाकर्ताओं के लिए सुरक्षित नहीं है और इसकी वित्तीय स्थिति बेहद खराब हो चुकी है।
RBI की ओर से 22 जुलाई 2025 को जारी आदेश में बताया गया कि बैंक के पास न तो पर्याप्त पूंजी है और न ही भविष्य में आय बढ़ने की कोई संभावना। इसके चलते बैंक का संचालन जमाकर्ताओं के हितों के खिलाफ है। साथ ही, सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार को बैंक को बंद करने और उसके लिए एक लिक्विडेटर नियुक्त करने का अनुरोध भी किया गया है।
लाइसेंस रद्द होते ही बैंक पर सभी तरह की बैंकिंग सेवाओं को तत्काल प्रभाव से रोक दिया गया है। आरबीआई ने स्पष्ट किया कि कारवार को-ऑपरेटिव बैंक धारा 11(1), 22(3)(D) और बैंकिंग रेग्युलेशन एक्ट, 1949 की अन्य धाराओं का पालन करने में विफल रहा है।
केंद्रीय बैंक ने कहा कि बैंक अपनी मौजूदा वित्तीय स्थिति के चलते जमाकर्ताओं को पूरा भुगतान नहीं कर पाएगा। अगर इसे चलने दिया गया तो ग्राहकों को नुकसान हो सकता है।
ग्राहकों के पैसे का क्या होगा?
अगर आपका खाता इस बैंक में है तो घबराने की ज़रूरत नहीं है। DICGC (डिपॉज़िट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन) ग्राहकों के पैसे की सुरक्षा करता है। RBI के नियमों के मुताबिक, किसी भी बैंक के डूबने पर प्रति ग्राहक ₹5 लाख तक की राशि (मूलधन + ब्याज) सुरक्षित रहती है। यानी चाहे आपका पैसा सेविंग अकाउंट में हो, फिक्स्ड डिपॉज़िट में या करंट अकाउंट में, आप अधिकतम ₹5 लाख तक की राशि निकाल सकते हैं। RBI ने बताया कि कारवार बैंक के 92.9% ग्राहक DICGC की ₹5 लाख की सीमा के भीतर आते हैं, यानी ज़्यादातर जमाकर्ता अपनी पूरी जमा राशि निकाल सकेंगे।