Edited By Mansa Devi,Updated: 01 Oct, 2025 11:24 AM

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने आम जनता को एक और झटका दिया है। मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक के बाद, रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं करने का फैसला लिया गया है। इसका सीधा मतलब यह है कि आपके लोन की EMI में फिलहाल कोई कमी नहीं आएगी।
नेशनस डेस्क: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने आम जनता को एक और झटका दिया है। मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक के बाद, रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं करने का फैसला लिया गया है। इसका सीधा मतलब यह है कि आपके लोन की EMI में फिलहाल कोई कमी नहीं आएगी।
RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने 29 सितंबर से 1 अक्टूबर तक चली MPC मीटिंग के नतीजों की घोषणा करते हुए बताया कि रेपो रेट की दर को 5.50% पर स्थिर रखा गया है। यह लगातार दूसरा मौका है जब RBI ने दरों में कोई बदलाव नहीं किया है; इससे पहले अगस्त की मीटिंग में भी दरें अपरिवर्तित थीं।
होम लोन और EMI पर असर
रेपो रेट स्थिर रहने से होम लोन और कार लोन लेने वालों को कोई राहत नहीं मिलेगी।
मौजूदा लोन: जिन लोगों का लोन चल रहा है, उनकी मासिक किस्त (EMI) में कोई कमी नहीं आएगी। उनका मासिक खर्च पहले जितना ही बना रहेगा।
नए लोन: जो लोग नया लोन लेने की सोच रहे हैं, उन्हें भी पुरानी ब्याज दरों पर ही लोन मिलेगा। त्योहारों के सीज़न में ब्याज दरें कम होने की उम्मीद लगाए बैठे लोगों को निराशा हुई है।
क्या होती रेपो रेट और कटौती से क्या होता?
रेपो रेट वह दर होती है जिस पर वाणिज्यिक बैंक RBI से पैसा उधार लेते हैं।
इस दर में कटौती होने से बैंकों के लिए पैसा सस्ता हो जाता है, जिसका फायदा बैंक ग्राहकों को होम लोन, पर्सनल लोन और अन्य कर्जों की ब्याज दरें कम करके देते हैं। इस साल, RBI अब तक तीन बार (फरवरी, अप्रैल और जून में) रेपो रेट में कटौती कर चुका है। लेकिन अक्टूबर की इस अहम बैठक में कटौती न होने से आम लोगों को आर्थिक लाभ के लिए और इंतजार करना पड़ेगा।