Edited By Mehak,Updated: 30 Sep, 2025 02:32 PM

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने लोन और बैंकिंग नियमों में बड़े बदलाव किए हैं, जिससे आम जनता और छोटे कारोबारियों को राहत मिलेगी। अब फ्लोटिंग रेट लोन पर EMI तीन साल के लॉक-इन पीरियड से पहले भी कम की जा सकती है। फिक्स्ड रेट लोनधारकों को फ्लोटिंग रेट में...
नेशनल डेस्क : भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने हाल ही में लोन और बैंकिंग नियमों में महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं, जिससे न सिर्फ बैंकिंग सेक्टर को फायदा होगा, बल्कि आम लोगों को भी सीधे लाभ मिलने की उम्मीद है। विशेषज्ञों का कहना है कि इन बदलावों के बाद लोन पर लगने वाली ब्याज दर कम हो सकती है और EMI की बोझ भी घट सकती है। RBI ने कुल 7 नए बदलावों की घोषणा की है। इनमें से 3 बदलाव 1 अक्टूबर से लागू होंगे, जबकि बाकी 4 बदलावों पर अभी विचार किया जा रहा है।
EMI होगी कम
अगर आपने फ्लोटिंग रेट लोन लिया है, तो अब बैंक आपकी EMI को तीन साल के लॉक-इन पीरियड से पहले भी कम कर सकते हैं। इसका मतलब है कि आपका मासिक किस्त का बोझ घट सकता है। वहीं, जो लोग फिक्स्ड रेट लोन पर हैं, उन्हें अब फ्लोटिंग रेट में बदलने का विकल्प मिलेगा। यह विकल्प अनिवार्य नहीं है, लेकिन बैंक चाहें तो इसे उपलब्ध करा सकते हैं। इससे उधारकर्ताओं को ब्याज दर चुनने में अधिक फ्लेक्सिबिलिटी मिलेगी और समय के अनुसार सही विकल्प चुनना आसान हो जाएगा।
गोल्ड लोन पर भी मिली राहत
गोल्ड लोन लेने वालों के लिए भी RBI ने नए नियम बनाए हैं। अब केवल जौहरी ही नहीं, बल्कि वे छोटे कारोबारी, कारीगर और अन्य लोग जो गोल्ड को कच्चे माल के रूप में इस्तेमाल करते हैं, वे भी गोल्ड के बदले बैंक से लोन ले सकते हैं। इसका मतलब यह है कि छोटे व्यवसायी अपने व्यवसाय को बढ़ाने या नए काम शुरू करने के लिए आसानी से लोन ले सकेंगे। इसके अलावा, गोल्ड मेटल लोन (GML) की रीपेमेंट अवधि पहले 180 दिन थी, जिसे अब बढ़ाकर 270 दिन कर दिया गया है। इसका फायदा यह होगा कि उधारकर्ता अपने पैसे चुकाने के लिए अधिक समय ले सकेंगे और वित्तीय दबाव कम होगा।
वित्तीय विशेषज्ञों की राय
वित्तीय विशेषज्ञों का कहना है कि RBI के ये बदलाव सीधे आम जनता और छोटे कारोबारियों को राहत देंगे। फ्लोटिंग और फिक्स्ड रेट लोन के बीच विकल्प और गोल्ड लोन की बढ़ी हुई अवधि से लोगों की वित्तीय योजना और आसान हो जाएगी।