Edited By Anu Malhotra,Updated: 09 Dec, 2025 01:54 PM

हैदराबाद में सोमवार सुबह रोज़मर्रा की एक सामान्य स्कूल-ड्रॉप रूटीन उस वक्त खूनी वारदात में बदल गया, जब एक रियल एस्टेट कारोबारी जी. वेंकट रत्नम की भीड़भाड़ वाले ट्रैफिक के बीच बेरहमी से हत्या कर दी गई। सड़क पर लोगों की मौजूदगी, व्यस्त समय और खुलेआम...
नेशनल डेस्क: हैदराबाद में सोमवार सुबह रोज़मर्रा की एक सामान्य स्कूल-ड्रॉप रूटीन उस वक्त खूनी वारदात में बदल गया, जब एक रियल एस्टेट कारोबारी जी. वेंकट रत्नम की भीड़भाड़ वाले ट्रैफिक के बीच बेरहमी से हत्या कर दी गई। सड़क पर लोगों की मौजूदगी, व्यस्त समय और खुलेआम अंजाम दी गई यह वारदात अब एक ऐसे पुराने बदले की कहानी में बदल गई है, जिसकी शुरुआत करीब दो दशक पहले हुई थी।
54 वर्षीय वेंकट रत्नम को दिनदहाड़े मार डाला
बेटी को स्कूल उतारकर घर लौट रहे वेंकट रत्नम पर अचानक एक गिरोह ने हमला बोला। पहले तो माना गया कि यह घटना हालिया प्रॉपर्टी विवादों से जुड़ी हो सकती है, लेकिन जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ी, मामला एक व्यक्तिगत दुश्मनी की ओर मुड़ गया।
हत्या का मास्टरमाइंड- 1999 में मारे गए व्यक्ति का बेटा
पुलिस सूत्रों के अनुसार, मुख्य आरोपी चंदन सिंह वही व्यक्ति है, जिसके पिता सुदेश सिंह की 1999 में एक विवादित एनकाउंटर में मौत हुई थी। चंदन सिंह का आरोप है कि उस समय वेंकट रत्नम, जो कथित रूप से उसके पिता के ड्राइवर थे, ने पुलिस को सूचना देकर उसके पिता को मरवा दिया। इसी गुस्से ने पिछले 26 वर्षों में बदले की आग को लगातार जीवित रखा।
26 साल तलाशते रहे, हाल में मिली जानकारी
बताया जा रहा है कि चंदन सिंह ने इन वर्षों में वेंकट रत्नम का पता लगाने की कोशिश नहीं छोड़ी। आखिरकार कुछ हफ्ते पहले उसकी तलाश खत्म हुई जब उसने रत्नम को हैदराबाद के जवाहर नगर में परिवार के साथ रह रहे पाया। इसके बाद वह पूरे एक महीने तक उनका पीछा करता रहा और हमले की विस्तृत प्लानिंग तैयार की।
वारदात की पूरी कहानी—ऑटो और बाइक से घेरकर हमला
सीसीटीवी फुटेज में दिखा कि रत्नम अपनी स्कूटर पर थे, तभी एक ऑटो रिक्शा उल्टी दिशा से आकर उन्हें रोकता है। इसके बाद मोटरसाइकिल और अन्य हमलावर पहुंचते हैं। गिरोह ने उन पर पेट, पीठ और गर्दन पर कई बार चाकू से वार किए। हमले के दौरान दो बार गोलियां चलने की भी खबर है, जिससे पूरे इलाके में अफरा-तफरी मच गई। हमलावरों में कुछ लोग reportedly चंदन सिंह की ऑटो वर्कशॉप में काम करते थे, जो इस वारदात में सीधे शामिल रहे।
पुलिस के सामने सरेंडर
घटना के कुछ ही घंटों बाद चंदन सिंह समेत कुल छह आरोपी शहनाज़गंज पुलिस स्टेशन पहुंचकर खुद ही सरेंडर कर गए। शहनाज़गंज पुलिस ने तुरंत जवाहर नगर पुलिस स्टेशन को सूचित किया, जहां इस हत्या का केस दर्ज हुआ था।
मलकाजगिरी डीसीपी च. श्रीधर ने घटनास्थल का निरीक्षण किया। फिलहाल पुलिस हत्या के पीछे की वास्तविक कहानी, हथियारों के इस्तेमाल और पूरी साजिश को समझने के लिए विस्तृत जांच कर रही है। 26 साल का बदला, खुलेआम हत्या, और शहर के बीचोंबीच किया गया क्रूर हमला- इस पूरे मामले ने हैदराबाद को एक ऐसी रोंगटे खड़े कर देने वाली हकीकत से रूबरू कराया है, जो किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं।