आरजी कर केस: भाजपा नेताओं और पीड़िता के परिवार पर पुलिस का लाठीचार्ज, 100 से ज्यादा घायल

Edited By Updated: 09 Aug, 2025 04:26 PM

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पश्चिम बंगाल के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में महिला डॉक्टर के साथ हुए बलात्कार और हत्या को एक साल पूरा हो चुका है, और इस मामले को लेकर पश्चिम बंगाल की राजनीति में उबाल आ गया है। पीड़िता के परिवार ने सीबीआई जांच पर सवाल उठाते हुए एजेंसी को...

नेशनल डेस्क: पश्चिम बंगाल के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में महिला डॉक्टर के साथ हुए बलात्कार और हत्या को एक साल पूरा हो चुका है, और इस मामले को लेकर पश्चिम बंगाल की राजनीति में उबाल आ गया है। पीड़िता के परिवार ने सीबीआई जांच पर सवाल उठाते हुए एजेंसी को बंद करने की मांग की, वहीं भाजपा ने इस मुद्दे पर राज्य सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।

धक्का-मुक्की में पीड़िता की मां की चूड़ियां टूटीं
आरजी कर केस की बरसी पर शनिवार को कोलकाता के पार्क स्ट्रीट क्रॉसिंग पर तनाव फैल गया, जब नबन्ना मार्च के दौरान पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज किया। प्रदर्शनकारी राज्य सचिवालय की ओर बढ़ने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन पुलिस की चेतावनी के बावजूद रानी रश्मोनी रोड से आगे विद्यासागर सेतु की दिशा में बढ़ने का प्रयास किया। पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच धक्का-मुक्की के बाद हालात बिगड़े और कई लोग घायल हो गए।

विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी, भाजपा नेता अग्निमित्रा पॉल और अन्य भाजपा विधायकों ने पार्क स्ट्रीट-जेएल नेहरू रोड क्रॉसिंग पर धरना दिया। सुवेंदु अधिकारी का आरोप है कि पुलिस की कार्रवाई में 100 से अधिक लोग घायल हुए, जिनमें भाजपा नेता और पीड़िता के माता-पिता भी शामिल हैं। पीड़िता की मां ने आरोप लगाया कि ममता बनर्जी की पुलिस ने बिना उकसावे के उन्हें धक्का दिया और उनकी चूड़ियां तोड़ दीं। अधिकारी ने चेतावनी दी कि ममता बनर्जी को इस घटना का भारी मूल्य चुकाना पड़ेगा और यह विरोध आंदोलन अब और बड़ा होगा।

पीड़िता की मां का आरोप
पीड़िता की मां ने बताया कि पुलिस ने उन्हें बेरहमी से पीटा, जिसके कारण उनके सिर और बाजुओं पर चोटें आईं। बावजूद इसके, उन्होंने साफ कहा कि वह नबन्ना की ओर मार्च जारी रखेंगी और कोई भी उन्हें रोक नहीं सकता। उनका सवाल था, "हमें क्यों रोका जा रहा है? हम तो बस सचिवालय जाकर अपनी बेटी के लिए इंसाफ मांगना चाहते हैं।"

भाजपा ने किया विरोध
भाजपा के नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी और विधायक अग्निमित्रा पॉल ने सचिवालय की ओर मार्च करने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक दिया। इसके बाद दोनों ने सड़क पर धरना दिया। सुवेंदु अधिकारी ने कहा, "ममता जाने वाली हैं, अब जनता बनाम ममता हो चुका है, ममता को अब जाना होगा। पुलिस ने हमें धक्का मारा।"

अग्निमित्रा पॉल ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर निशाना साधते हुए कहा, "ममता बनर्जी डर गई हैं। पुलिस सीएम की चाटूकारिता कर रही है। पीड़ित को न्याय नहीं मिला, हम सीएम का इस्तीफा मांगते हैं। एक साल हो गया है और बंगाल की जनता सड़क पर उतरकर विरोध कर रही है।"

सीबीआई से नाराजगी
इससे पहले, पीड़िता के माता-पिता ने दिल्ली में सीबीआई निदेशक से मुलाकात की, और दावा किया कि एजेंसी इस मामले से हटना चाहती है। पीड़िता के पिता ने कहा, "जब मैंने उनसे तीखे सवाल पूछे तो उन्होंने कहा कि वे केस छोड़ना चाहते हैं। मैंने कहा, 'मुझे क्यों बता रहे हैं, कोर्ट में जाकर कहिए,' लेकिन उनके पास किसी सवाल का जवाब नहीं था।" उन्होंने नाराजगी जताते हुए कहा, "140 करोड़ लोगों का प्रतिनिधित्व करने वाली संस्था कह रही है कि हम केस छोड़ देंगे! तो क्या वो एक साल से घास छील रहे थे? करोड़ों रुपए खर्च करने वाली ऐसी संस्था की जरूरत ही क्या है? सीबीआई जैसे दफ्तरों को बंद कर देना चाहिए।"

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