रूस पर ट्रंप के सख्त रुख से वैश्विक तेल बाजार में हो सकती है उथल-पुथल, क्रूड ऑयल की बढ़ सकती है कीमत

Edited By Updated: 02 Aug, 2025 06:44 PM

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रूस और अमेरिका के बीच जारी बढ़ते तनाव के कारण वैश्विक तेल सप्लाई में रुकावट आने की संभावना जताई जा रही है। इस प्रभाव के चलते आने वाले महीनों में ब्रेंट क्रूड ऑयल की कीमतें 80 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच सकती हैं।

नेशनल डेस्क: रूस और अमेरिका के बीच जारी बढ़ते तनाव के कारण वैश्विक तेल सप्लाई में रुकावट आने की संभावना जताई जा रही है। इस प्रभाव के चलते आने वाले महीनों में ब्रेंट क्रूड ऑयल की कीमतें 80 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच सकती हैं। तेल बाजार के विशेषज्ञों ने न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में कहा कि भू-राजनीतिक जोखिम बढ़ने से तेल की कीमतों पर दबाव और बढ़ेगा।

साल के अंत तक तेल की कीमत 80 डॉलर के पार

वेंचुरा में कमोडिटीज और CRM के हेड एनएस रामास्वामी ने बताया कि अक्टूबर 2025 में ब्रेंट क्रूड ऑयल की कीमत 72.07 डॉलर से शुरू होकर 76 डॉलर तक पहुंच सकती है। वहीं, वर्ष 2025 के अंत तक कीमत 80 से 82 डॉलर के बीच रहने की संभावना है। उन्होंने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस को यूक्रेन युद्ध समाप्त करने के लिए 10 से 12 दिन की समय सीमा दी है। अगर इस दौरान कोई समाधान नहीं निकला, तो रूस के साथ व्यापार करने वाले देशों पर अतिरिक्त प्रतिबंध लगाए जाएंगे और 100 प्रतिशत सेकेंडरी टैरिफ का खतरा भी बना रहेगा, जिससे तेल की कीमतों में और वृद्धि हो सकती है।

ट्रंप के रुख से तेल बाजार में हो सकती है उथल-पुथल

विशेषज्ञों के अनुसार, ट्रंप के सख्त रुख के कारण रूस से कच्चा तेल आयात करने वाले देशों के लिए यह चुनौतिपूर्ण हो जाएगा कि वे कम कीमत पर तेल खरीदें या अमेरिका के महंगे एक्सपोर्ट टैरिफ का सामना करें। वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट (WTI) कच्चे तेल की कीमतें सितंबर 2025 तक मौजूदा 69.65 डॉलर से बढ़कर 73 डॉलर तक जा सकती हैं। वर्ष के अंत तक यह कीमत 76 से 79 डॉलर के बीच पहुंच सकती है, जबकि नीचे का समर्थन स्तर 65 डॉलर बताया गया है।

विशेषज्ञों का मानना है कि प्रोडक्शन कैपेसिटी में कमी से सप्लाई प्रभावित होगी, जिससे 2026 तक तेल की कीमतें ऊंचे स्तर पर बनी रह सकती हैं। एनर्जी एक्सपर्ट नरेंद्र तनेजा ने कहा कि रूस हर दिन वैश्विक तेल सप्लाई सिस्टम में लगभग 50 लाख बैरल तेल निर्यात करता है। यदि रूस को इस सप्लाई नेटवर्क से बाहर कर दिया जाता है, तो कच्चे तेल की कीमतें 100 से 120 डॉलर प्रति बैरल या उससे भी अधिक तक बढ़ सकती हैं।

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