Edited By ,Updated: 08 Sep, 2016 02:46 PM

रूस अपनी रक्षा प्रणाली को और मजबूत करने के लिए भारत से ब्रम्होस क्रूज मिसाइलें खरीदना चाहता है।
नई दिल्लीः रूस अपनी रक्षा प्रणाली को और मजबूत करने के लिए भारत से ब्रम्होस क्रूज मिसाइलें खरीदना चाहता है। रूसी मीडिया के मुताबिक, भारत द्वारा ब्रह्मोस मिसाइल के साथ फाइटर प्लेन एसयू-30 एमकेआई के टेस्ट के बाद रूसी सेना 2017 में इसकी खरीद शुरू कर सकती है। रूस ब्रम्होस क्रूज मिसाइलों को अपने सुखोई एसयू-30 एसएम फाइटर प्लेन पर तैनात करना चाहता है। अहम बात यह है कि रूस ने ही इन मिसाइसाें काे बनाने में बारत की मदद की थी।
12 फरवरी 1998 को हुआ था समझौता
ब्रह्मोस मिसाइल भारत के रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) एवं रूस के फेडरल स्टेट यूनिटरी एंटरप्राइज एनपीओ माशिनोस्ट्रोयेनिया (एनपीओएम) की संयुक्त परियोजना है। मिसाइल बनाने को लेकर भारत व रूस के बीच 12 फरवरी 1998 को समझौता हुआ था, जिसके बाद भारत में ब्रह्मोस एयरोस्पेस बना था।
परीक्षण पूरे होने पर हाेगी बातचीत
रूसी सेना के इस उच्चाधिकारी ने कहा कि जब भारतीय एसयू-30एमकेआई विमानों पर ब्रह्मोस मिसाइल की तैनाती के सिलसिले में सारे परीक्षण पूरे हो जाएंगे, उसके बाद रूस 2017 में उनकी ख़रीद के सिलसिले में बातचीत शुरू कर सकता है। बता दें कि एक भारतीय लड़ाकू विमान ने, जिस पर ब्रह्मोस मिसाइल तैनात था, 2016 की गर्मियों में पहली परीक्षण उड़ान भरी थी। आशा है कि विमान से इस मिसाइल का पहला प्रक्षेपण इस साल के अंत तक कर लिया जाएगा।