अब मोबाइल से होगा इलाज, 14 साल के बच्चे ने कर दिखाया कमाल, बनाया दिल की बीमारी पहचानने वाला ऐप

Edited By Rohini Oberoi,Updated: 09 Apr, 2025 02:27 PM

siddharth nandiyala created an app to detect heart disease

भारतीय-अमेरिकी किशोर सिद्धार्थ नंदीयाला इन दिनों चर्चा का विषय बने हुए हैं। उनकी कड़ी मेहनत और नवाचार ने उन्हें अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाई है। उनकी खास पहचान उनकी सोच और तकनीकी कौशल के कारण है और उनका काम बराक ओबामा और जो बाइडेन जैसे बड़े नेताओं की...

नेशनल डेस्क। भारतीय-अमेरिकी किशोर सिद्धार्थ नंदीयाला इन दिनों चर्चा का विषय बने हुए हैं। उनकी कड़ी मेहनत और नवाचार ने उन्हें अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाई है। उनकी खास पहचान उनकी सोच और तकनीकी कौशल के कारण है और उनका काम बराक ओबामा और जो बाइडेन जैसे बड़े नेताओं की सराहना भी हासिल कर चुका है।

सिद्धार्थ ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की मदद से एक ऐसा ऐप विकसित किया है जो सिर्फ कुछ सेकंड में दिल से जुड़ी बीमारियों का पता लगा सकता है। यह ऐप खासकर उन क्षेत्रों में उपयोगी हो सकता है जहां मेडिकल सुविधाएं सीमित हैं। सिद्धार्थ का यह अद्भुत काम दर्शाता है कि कम उम्र में भी यदि सही दिशा में प्रयास किए जाएं तो बड़े बदलाव लाए जा सकते हैं।

खिलौनों से शुरू हुआ सफर, AI तक पहुंचा

सिद्धार्थ को उनका पहला STEM किट सात साल की उम्र में मिला था। यह किट उनके जीवन का टर्निंग प्वाइंट साबित हुआ। सिद्धार्थ बताते हैं कि उन्हें हमेशा यह आकर्षित करता था कि "कुछ नहीं से कुछ बना पाना" का आइडिया। यही जिज्ञासा और उत्साह उन्हें आज तक प्रेरित कर रहा है। उन्होंने हाल ही में इंडियन एक्सप्रेस को दिए एक इंटरव्यू में यह भी बताया कि उनकी शुरुआत खिलौनों से हुई थी लेकिन धीरे-धीरे उनका रुचि AI और तकनीकी दुनिया में बढ़ने लगी।

दो कंपनियों की शुरुआत: STEM IT और Circadian AI

सिद्धार्थ ने केवल 16 साल की उम्र में दो कंपनियां शुरू की हैं - STEM IT और Circadian AI। उनके काम की सराहना अब तक अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा और राष्ट्रपति जो बाइडेन तक ने की है। दोनों नेताओं से सिद्धार्थ को बधाई पत्र मिले हैं जो उनके लिए एक बड़ी उपलब्धि है।

 

PunjabKesari

 

STEM IT:

सिद्धार्थ की पहली कंपनी STEM IT ने तकनीकी शिक्षा में एक क्रांति लाने का प्रयास किया है। वह मानते हैं कि पारंपरिक शिक्षा में छात्रों को तकनीकी क्षेत्र की पूरी समझ नहीं मिल पाती। STEM IT का उद्देश्य छात्रों को असल दुनिया में काम करने के लिए सही उपकरण देना है।

Circadian AI:

उनकी दूसरी कंपनी, Circadian AI, एक AI-संचालित उपकरण है जो दिल की बीमारियों का पता लगाने में मदद करता है। सिद्धार्थ ने इस ऐप को इस उद्देश्य से विकसित किया कि यह वंचित समुदायों में हृदय रोगों का पता लगाकर लोगों की जान बचा सके। इस ऐप के माध्यम से बस स्मार्टफोन की मदद से हार्ट की ध्वनियों का विश्लेषण किया जाता है जो बहुत कम समय में दिल की बीमारियों का पता लगा सकता है। हाल ही में सिद्धार्थ ने गुंटूर के गवर्नमेंट जनरल हॉस्पिटल में इस ऐप का परीक्षण किया जहां उसने कई रोगियों में हृदय रोगों की पहचान की।

 

यह भी पढ़ें: अब गठिया और पथरी को कहिए अलविदा, ये कांटेदार पौधा लेकर आया है आपके लिए 8 Benefits, जानिए इसका जादुई असर

 

तकनीक से जीवन बचाना: एक नई दिशा

सिद्धार्थ ने इस ऐप को विकसित करते समय ध्यान रखा कि यह न सिर्फ तकनीकी दृष्टिकोण से उपयोगी हो बल्कि इसकी सटीकता भी बेहद महत्वपूर्ण हो। ऐप को वास्तविक दुनिया की परिस्थितियों में परखा गया और इसके द्वारा की गई जांच को हृदय रोग विशेषज्ञों द्वारा सत्यापित किया गया।

सिद्धार्थ का मानना है कि AI-आधारित निदान आने वाले दशक में और भी ज्यादा व्यक्तिगत और सुलभ हो जाएगा विशेषकर उन क्षेत्रों में जहां स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता सीमित है। उन्होंने इस ऐप के माध्यम से यह भी उम्मीद जताई है कि आने वाले समय में यह तकनीक न केवल हृदय रोगों बल्कि श्वसन समस्याओं के निदान में भी मदद करेगी।

PunjabKesari

 

युवा पीढ़ी को संदेश

सिद्धार्थ ने युवा नवोन्मेषकों को संदेश दिया है कि जब वे AI आधारित स्वास्थ्य समाधान विकसित करें तो नैतिकता को हमेशा प्राथमिकता दें। उन्होंने यह भी कहा कि यह महत्वपूर्ण है कि जो डेटा हम इस्तेमाल करते हैं वह डॉक्टर और रोगी दोनों के लिए समझने योग्य हो।

सिद्धार्थ का आदर्श और भविष्य

सिद्धार्थ के आदर्श भारतीय वैज्ञानिक और पूर्व राष्ट्रपति डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम हैं। उन्होंने डॉ. कलाम के विचारों से प्रेरणा ली और यह सीखा कि बड़ी सोच और उसे साकार करने का जज्बा दोनों जरूरी हैं।

व्यक्तिगत जीवन

जब सिद्धार्थ टेक्नोलॉजी में व्यस्त नहीं होते तो उन्हें गोल्फ खेलना और शतरंज में अपनी रणनीतिक सोच को बेहतर बनाना पसंद है। सिद्धार्थ का मानना है कि खेलों में उन्हें मानसिक शांति मिलती है और यह उन्हें और बेहतर सोचने के लिए प्रेरित करता है।

भविष्य की दिशा

सिद्धार्थ का भविष्य के बारे में कहना है कि वह आने वाले समय में AI और Mixed Reality के मिश्रण से शिक्षा को और बेहतर बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं। उनका सपना है कि अगली पीढ़ी को AI आधारित शिक्षा मिले जो उन्हें असल दुनिया की समस्याओं से निपटने के लिए सक्षम बनाए।

वहीं सिद्धार्थ नंदीयाला के इस अद्भुत कार्य ने यह साबित कर दिया है कि युवा पीढ़ी तकनीक का सही इस्तेमाल कर समाज में सकारात्मक बदलाव ला सकती है।

Let's Play Games

Game 1
Game 2
Game 3
Game 4
Game 5
Game 6
Game 7
Game 8

Related Story

    IPL
    Lucknow Super Giants

    Royal Challengers Bengaluru

    Teams will be announced at the toss

    img title
    img title

    Be on the top of everything happening around the world.

    Try Premium Service.

    Subscribe Now!