Edited By Anu Malhotra,Updated: 25 Oct, 2025 11:34 AM

हाल के दिनों में चांदी और सोने के बाजारों में अस्थिरता देखने को मिल रही है। चांदी ने हाल ही में रिकॉर्ड ऊंचाई छूने के बाद 21% तक गिरावट दर्ज की है, जबकि सोने की कीमतें भी पिछले हफ्ते 7.46% तक कम हो गईं। यह तेजी और गिरावट निवेशकों के लिए एक नई चुनौती...
नेशनल डेस्क: हाल के दिनों में चांदी और सोने के बाजारों में अस्थिरता देखने को मिल रही है। चांदी ने हाल ही में रिकॉर्ड ऊंचाई छूने के बाद 21% तक गिरावट दर्ज की है, जबकि सोने की कीमतें भी पिछले हफ्ते 7.46% तक कम हो गईं। यह तेजी और गिरावट निवेशकों के लिए एक नई चुनौती बन गई है।
चांदी में भारी गिरावट
शुक्रवार को चांदी का भाव अपने उच्चतम स्तर से लगभग 31,000 रुपये की गिरावट के साथ 1.47 लाख रुपये प्रति किलोग्राम पर आ गया। ग्लोबल मार्केट्स में लंदन के भौतिक चांदी भंडार में सुधार और निवेशकों द्वारा मुनाफा निकालने की प्रक्रिया ने इस गिरावट को गति दी। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर, हाजिर चांदी 48.5 डॉलर प्रति ट्रॉय औंस पर कारोबार कर रही थी, जो एक सप्ताह पहले 54.47 डॉलर प्रति ट्रॉय औंस थी।
क्यों गिर रही हैं कीमतें?
सर्राफा व्यापारियों के मुताबिक, अमेरिका और चीन से लंदन में चांदी के बड़े प्रवाह ने फिलहाल कीमतों को दबाया है। लंदन, विश्व स्तर पर चांदी के भौतिक लेनदेन का मुख्य केंद्र है, और यहां भंडार में बदलाव सीधे कीमतों पर असर डालता है। विशेषज्ञों का कहना है कि लंदन में भंडार की कमी के कारण भारत में चांदी 14 अक्टूबर को अपने जीवनकाल के उच्चतम स्तर 1.78 लाख रुपये प्रति किलोग्राम पर पहुंच गई थी।
कीमती धातुओं की बढ़ती मांग
चांदी की हालिया तेजी के पीछे इस साल सोलर एनर्जी, इलेक्ट्रिक व्हीकल, 5G कम्युनिकेशन डिवाइस और AI हार्डवेयर जैसे सेक्टरों से इंडस्ट्रियल मांग का बड़ा योगदान रहा। वहीं स्थिर खनन और सीमित पुनर्चक्रण ने आपूर्ति को प्रभावित किया।
नॉर्मलाइजेशन का दौर
निप्पॉन इंडिया म्यूचुअल फंड के कमोडिटी हेड विक्रम धवन का कहना है कि अल्पकालिक व्यापारी अब अपने निवेश को समायोजित कर रहे हैं। वहीं दीर्घकालिक रणनीतिक निवेशक, जैसे कि केंद्रीय बैंक और ETF निवेशक, इस गिरावट को कीमतों के सामान्यीकरण (normalization) की प्रक्रिया के रूप में देख सकते हैं।
सोने की कीमतों में भी गिरावट
सोने की कीमतों ने भी पिछले हफ्ते गिरावट देखी। शुक्रवार को सोने का खुदरा भाव अपने रिकॉर्ड 1,32,294 रुपये प्रति 10 ग्राम से 9,875 रुपये घटकर 1,22,419 रुपये पर आ गया। विशेषज्ञों के अनुसार, अमेरिकी डॉलर की मजबूती और अल्पकालिक बिकवाली ने सोने की कीमतों को प्रभावित किया।
धनतेरस में निवेशक सक्रिय
भारतीय उपभोक्ताओं ने 18-19 अक्टूबर के धनतेरस के मौके पर चांदी और सोने के सिक्कों की खूब खरीदारी की। कई निवेशकों ने ईटीएफ के माध्यम से भी इन कीमती धातुओं में निवेश किया, जो इस साल लगातार तेजी देख रहे हैं।