Edited By Sahil Kumar,Updated: 28 Dec, 2025 06:37 PM

चांदी की कीमतों ने रिकॉर्ड तोड़ते हुए वायदा बाजार में 2.42 लाख रुपये प्रति किलो का स्तर छू लिया है। केवल एक हफ्ते में 15% से अधिक की तेजी देखी गई। इंडस्ट्रियल डिमांड में बढ़ोतरी और सप्लाई की कमी इसकी मुख्य वजह हैं। सोलर पैनल, इलेक्ट्रॉनिक्स और...
नेशनल डेस्कः चांदी की कीमतों ने हाल के समय में रिकॉर्ड उछाल दर्ज किया है। वायदा बाजार में चांदी का भाव 2.42 लाख रुपये प्रति किलो तक पहुँच गया है। पिछले एक हफ्ते में ही कीमतों में 15% से अधिक की तेजी देखी गई है। विशेषज्ञों का कहना है कि इंडस्ट्रियल डिमांड में वृद्धि और सप्लाई की कमी इस ऐतिहासिक उछाल के प्रमुख कारण हैं।
हफ्तेभर में 15% से अधिक की छलांग
पिछले कुछ दिनों में चांदी की कीमतों में जो तेजी देखी गई है, उसे सामान्य नहीं कहा जा सकता। केवल एक हफ्ते में ही फ्यूचर्स मार्केट में चांदी के भाव में 15% से अधिक की बढ़ोतरी दर्ज की गई। मार्च 2026 की डिलीवरी वाली चांदी ने एक ही कारोबारी दिन में 18,210 रुपये (करीब 8.14%) की बढ़त के साथ 2,42,000 रुपये प्रति किलो का नया ऐतिहासिक स्तर छू लिया। हालांकि, दिन के अंत में मुनाफावसूली के चलते कीमतें थोड़ी नीचे आकर 2,39,787 रुपये प्रति किलो पर बंद हुईं।
चांदी की इंडस्ट्रियल मांग तेज
बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि चांदी की भूमिका अब बदल गई है। मेहता इक्विटीज के वाइस प्रेसिडेंट (कमोडिटी) राहुल कलंत्री के अनुसार, चांदी अब केवल जेवर या सिक्कों तक सीमित नहीं रही, बल्कि इसकी इंडस्ट्रियल मांग तेजी से बढ़ रही है। आज के समय में सोलर पैनल, हाई-परफॉर्मेंस इलेक्ट्रॉनिक्स और इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (EVs) में चांदी का उपयोग अनिवार्य हो गया है। जैसे-जैसे दुनिया ग्रीन एनर्जी और एडवांस टेक्नोलॉजी की तरफ बढ़ रही है, चांदी की खपत भी बढ़ रही है, जबकि खदानों से सप्लाई में रुकावटें आ रही हैं। यही कारण है कि कीमतें लगातार ऊँचाई छू रही हैं।
2025 में निवेशकों को मिला बड़ा रिटर्न
निवेश के लिहाज से साल 2025 चांदी के लिए बहुत ही लाभकारी रहा। 31 दिसंबर 2024 को चांदी का भाव लगभग 87,233 रुपये प्रति किलो था। अब तक कीमतों में लगभग 175% की वृद्धि हो चुकी है। यानी जो निवेशक साल की शुरुआत में चांदी में निवेश कर चुका था, उसका पैसा कई गुना बढ़ चुका है।
सिर्फ घरेलू बाजार ही नहीं, बल्कि ग्लोबल मार्केट में भी चांदी ने नए कीर्तिमान स्थापित किए हैं। अमेरिकी कमोडिटी एक्सचेंज (COMEX) पर चांदी ने पहली बार 79 डॉलर प्रति औंस का स्तर पार किया। मार्च 2026 का कॉन्ट्रैक्ट 11.2% बढ़कर 79.70 डॉलर प्रति औंस तक पहुँच गया।
क्या यह तेजी रुकेगी?
अब सवाल यह है कि क्या यह तेजी यहीं थमेगी। रिलायंस सिक्योरिटीज के सीनियर रिसर्च एनालिस्ट जिगर त्रिवेदी का मानना है कि अभी और तेजी आने की संभावना है। इंडस्ट्रियल मांग सप्लाई से काफी आगे निकल सकती है। इसके अलावा, अमेरिका में अगले साल ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद और डॉलर में कमजोरी भी सोने-चांदी को निवेशकों के लिए आकर्षक बना रही है। एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स (ETF) में लगातार निवेश बढ़ने से भी यही संकेत मिलता है। जानकारों के अनुसार, साल 2026 में ग्लोबल मार्केट में चांदी 100 डॉलर प्रति औंस तक पहुँच सकती है।