Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 05 Jul, 2025 11:13 AM

देश की सुरक्षा एजेंसियों को एक बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। तमिलनाडु आतंकवाद निरोधी दस्ते (ATS) ने दो ऐसे आतंकवादियों को गिरफ्तार किया है, जो कई सालों से देश के अलग-अलग हिस्सों में बम धमाकों को अंजाम देकर फरार चल रहे थे। इनमें से एक आरोपी अबू बकर...
नेशनल डेस्क: देश की सुरक्षा एजेंसियों को एक बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। तमिलनाडु आतंकवाद निरोधी दस्ते (ATS) ने दो ऐसे आतंकवादियों को गिरफ्तार किया है, जो कई सालों से देश के अलग-अलग हिस्सों में बम धमाकों को अंजाम देकर फरार चल रहे थे। इनमें से एक आरोपी अबू बकर सिद्दीकी तो तीन दशक से पुलिस को चकमा दे रहा था और कई शहरों में हुए सिलसिलेवार बम धमाकों का मास्टरमाइंड बताया जा रहा है। उसके साथ पकड़ा गया उसका सहयोगी मोहम्मद अली भी खतरनाक साजिशों में शामिल रहा है। अबू बकर सिद्दीकी तमिलनाडु के नागोर जिले का मूल निवासी है। यह 1995 से फरार था और उस पर 5 लाख रुपये का इनाम घोषित था। वह कुशल बम निर्माता और कट्टरपंथी विचारधारा वाला व्यक्ति बताया गया है। सिद्दीकी कई खतरनाक और घातक बम धमाकों में शामिल रहा है, जो तमिलनाडु और केरल के हिस्सों को दहला चुके हैं।
इन खतरनाक हमलों में रहा शामिल
पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार सिद्दीकी ने:
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1995 में चेन्नई के चिंताद्रिपेट स्थित हिंदू मुन्नानी कार्यालय में बम विस्फोट किया
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1995 में नागोर में बम धमाका किया
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1999 में चेन्नई, त्रिची, कोयंबटूर और केरल के कई इलाकों में एक साथ 7 बम धमाकों की योजना बनाई
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चेन्नई पुलिस कमिश्नर ऑफिस, एग्मोर को बम से उड़ाने की साजिश रची
सिद्दीकी के प्लान ऐसे थे, जो देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा बन सकते थे।
गिरफ्तारी के समय मिले खतरनाक सबूत और उपकरण
गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने आतंकियों के ठिकाने पर तलाशी ली, जहां से भारी मात्रा में विस्फोटक सामग्री और आपत्तिजनक उपकरण बरामद किए गए। इसमें शामिल हैं:
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खंजर, दरांती, वॉकी-टॉकी
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डिजिटल टाइमर, घड़ी के स्विच, पुल/प्रेशर स्विच
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स्पीड कंट्रोलर, बॉल बेयरिंग, नट-बोल्ट
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मोबाइल फोन, हैकिंग सॉफ्टवेयर
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कोडिंग मैनुअल और ISIS से प्रेरित साहित्य
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भारत के प्रमुख शहरों के नक्शे
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संपत्ति से जुड़े दस्तावेज और संदिग्ध वित्तीय रिकॉर्ड
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चेकबुक और डिजिटल स्टोरेज डिवाइस
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि जब्त किए गए सामान से 50 से 60 IED (इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस) या 8 से 10 हाई-इम्पैक्ट सूटकेस बम, जो कि 30 मीटर तक विनाश कर सकते हैं, बनाए जा सकते थे।
फर्जी पहचान के सहारे बना रखा था ठिकाना
आंध्र प्रदेश के रायचोटी इलाके में ये आतंकी फर्जी पहचान के साथ रह रहे थे। उन्होंने वहां के स्थानीय लोगों से खुद को छिपाकर अलग जीवनशैली अपनाई थी, ताकि किसी को उन पर शक न हो। लेकिन तमिलनाडु ATS की सतर्क निगरानी और खुफिया जानकारी से ये ऑपरेशन सफल हुआ।
कई राज्यों की पुलिस को थी तलाश
अबू बकर सिद्दीकी और मोहम्मद अली की तलाश तमिलनाडु के अलावा केरल और आंध्र प्रदेश की पुलिस को भी थी। इन पर देश की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा बनने का आरोप था। इनकी गिरफ्तारी से कई स्लीपर सेल नेटवर्क के बारे में भी सुराग मिलने की उम्मीद है।
पुलिस अधिकारियों ने दी जानकारी
गिरफ्तारी की पुष्टि कुरनूल रेंज के डीआईजी कोया प्रवीण और अन्नामैया जिले के एसपी वी. विद्यासागर नायडू ने की। उन्होंने कहा कि पूछताछ के दौरान कई अहम जानकारियां सामने आ रही हैं, जिन्हें जांच एजेंसियों के साथ साझा किया जा रहा है।