CJI पर जूता फेंकने की कोशिश! आरोपी वकील बिना सज़ा हुआ रिहा, बोला- 'कोई अफ़सोस नहीं!'

Edited By Updated: 07 Oct, 2025 02:34 PM

the accused lawyer was released without punishment and said  no regrets

बीते दिन सुप्रीम कोर्ट में CJI गवई पर को सुनवाई के दौरान जूता फेंकने की कोशिश करने वाले एक वकील को बिना किसी कानूनी कार्रवाई के रिहा कर दिया गया है। दिल्ली पुलिस ने बताया कि इस घटना के बाद Supreme Court के अधिकारियों की तरफ से आरोपी वकील के खिलाफ...

नेशनल डेस्क: बीते दिन सुप्रीम कोर्ट में CJI गवई पर को सुनवाई के दौरान जूता फेंकने की कोशिश करने वाले एक वकील को बिना किसी कानूनी कार्रवाई के रिहा कर दिया गया है। दिल्ली पुलिस ने बताया कि इस घटना के बाद Supreme Court के अधिकारियों की तरफ से आरोपी वकील के खिलाफ कोई औपचारिक शिकायत दर्ज नहीं कराई गई थी। आरोपी वकील राकेश किशोर को पुलिस ने हिरासत से मुक्त कर दिया। हिरासत के दौरान दिल्ली पुलिस की सुरक्षा इकाई और नई दिल्ली पुलिस के अधिकारियों ने सुप्रीम कोर्ट परिसर में उनसे करीब तीन घंटे तक पूछताछ की थी।

आरोपी वकील का बयान-  यह CJI की हरकत पर मेरी प्रतिक्रिया थी

रिहाई के अगले दिन मीडिया से बातचीत में राकेश किशोर ने अपने कृत्य पर कोई अफ़सोस न होने की बात कही। उन्होंने दावा किया कि उनका यह कदम सीजेआई की हरकत पर उनकी प्रतिक्रिया थी। वकील ने 16 सितंबर को कोर्ट में दायर एक जनहित याचिका का ज़िक्र किया, जिस पर CJI ने कथित तौर पर मज़ाक उड़ाते हुए कहा था, "जाओ और मूर्ति से प्रार्थना करो और उसे अपना सिर वापस लगाने को कहो।"

आरोपी वकील ने विरोध जताते हुए कहा, "जब हमारे सनातन धर्म से जुड़ा कोई मामला आता है, तो सुप्रीम कोर्ट ऐसे आदेश देता है। याचिकाकर्ता को राहत मत दो, लेकिन उसका मज़ाक भी मत उड़ाओ।"उन्होंने आगे कहा कि वह दुखी थे और नशे में नहीं थे और CJI को अपने पद की गरिमा के अनुरूप बयान देने चाहिए।

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सुनवाई के दौरान हुई घटना

सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में एक सुनवाई के दौरान राकेश किशोर ने CJI की तरफ जूता फेंकने की कोशिश की गई। वहां मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने तुरंत कार्रवाई करते हुए उन्हें पकड़ लिया और उनकी कोशिश को नाकाम कर दिया। वकील को कोर्ट रूम से बाहर निकालते समय वह कथित तौर पर "सनातन का अपमान नहीं सहेंगे" जैसे नारे लगाने लगे। घटना के बाद CJI गवई ने कोर्ट में मौजूद वकीलों से आगे की कार्यवाही जारी रखने को कहा और टिप्पणी की, "इस सब से विचलित न हों, हम भी विचलित नहीं हैं क्योंकि इस तरह की बातें मुझे प्रभावित नहीं करती हैं।"

बार एसोसिएशन ने रद्द किया लाइसेंस

भले ही CJI या सुप्रीम कोर्ट के अधिकारियों ने कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई, लेकिन इस घटना के तुरंत बाद सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन ने आरोपी वकील का लाइसेंस रद्द कर दिया है और बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) ने भी उसे निलंबित कर दिया है।

 

 

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