Edited By Rohini Oberoi,Updated: 30 Dec, 2025 11:34 AM

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) को लेकर अब तक हम जो डर सुन रहे थे वह साल 2026 में हकीकत में बदल सकता है। एआई के गॉडफादर कहे जाने वाले दिग्गज वैज्ञानिक जेफ्री हिंटन ने एक गंभीर चेतावनी जारी की है। हिंटन के अनुसार एआई की तरक्की की रफ्तार उम्मीद से कहीं...
AI Warning 2026 : आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) को लेकर अब तक हम जो डर सुन रहे थे वह साल 2026 में हकीकत में बदल सकता है। एआई के गॉडफादर कहे जाने वाले दिग्गज वैज्ञानिक जेफ्री हिंटन ने एक गंभीर चेतावनी जारी की है। हिंटन के अनुसार एआई की तरक्की की रफ्तार उम्मीद से कहीं ज्यादा तेज है और 2026 तक यह कई क्षेत्रों में इंसानी नौकरियों की जगह लेना शुरू कर देगा।

उम्मीद से तेज है एआई की रीजनिंग पावर
जेफ्री हिंटन का कहना है कि एआई सिस्टम अब केवल डेटा प्रोसेस नहीं कर रहे बल्कि उनमें रीजनिंग (तर्क करने की क्षमता) और जटिल टास्क पूरे करने की काबिलियत बहुत तेजी से बढ़ी है। हिंटन के अनुसार हर सात महीने में एआई अपनी क्षमता को दोगुना कर रहा है। पहले एआई केवल एक मिनट वाले छोटे काम करता था लेकिन अब यह घंटों चलने वाले प्रोजेक्ट्स को संभाल रहा है। जल्द ही एआई ऐसे सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग प्रोजेक्ट्स भी अकेले पूरे कर सकेगा जिनमें महीनों का समय लगता है।

व्हाइट-कॉलर नौकरियों पर मंडराया संकट
हिंटन ने एआई के मौजूदा दौर की तुलना औद्योगिक क्रांति (Industrial Revolution) से की है। औद्योगिक क्रांति ने शारीरिक मेहनत (Physical Labor) की जरूरत कम की थी लेकिन एआई अब बौद्धिक कार्य (Intellectual Work) की जगह ले रहा है। ऑफिस में बैठकर काम करने वाले प्रोफेशनल्स जैसे डेटा एनालिस्ट, कॉल सेंटर कर्मचारी और सॉफ्टवेयर डेवलपर्स पर अब तक का सबसे बड़ा खतरा है।

2026: जॉबलेस बूम का साल?
एक्सपर्ट्स का मानना है कि 2026 में दुनिया जॉबलेस बूम (Jobless Boom) की स्थिति देख सकती है। इसका मतलब है:
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उत्पादकता (Productivity) में भारी बढ़त: कंपनियां एआई की मदद से रिकॉर्ड मुनाफा और काम करेंगी।
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रोजगार में कमी: ज्यादा काम होने के बावजूद नए रोजगार पैदा नहीं होंगे क्योंकि एआई कम लोगों में ज्यादा काम निपटा देगा।
कॉल सेंटर जैसे सेक्टर्स में तो इसका असर अभी से दिखना शुरू हो गया है जहां एआई वॉइस बॉट्स इंसानों जैसी बातचीत कर रहे हैं।