1 नवंबर से दिल्ली की सड़कों पर बदलेगा नज़ारा… अब इन वाहनों को नहीं होगी एंट्री

Edited By Updated: 31 Oct, 2025 10:04 PM

the scene on delhi s roads will change from november 1st

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। 1 नवंबर से अब सिर्फ BS-VI मानक वाले कॉमर्शियल गुड्स वाहन ही दिल्ली में प्रवेश कर सकेंगे। यह आदेश वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) और दिल्ली परिवहन विभाग के...

नेशनल डेस्क: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। 1 नवंबर से अब सिर्फ BS-VI मानक वाले कॉमर्शियल गुड्स वाहन ही दिल्ली में प्रवेश कर सकेंगे। यह आदेश वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) और दिल्ली परिवहन विभाग के संयुक्त निर्देशों के तहत जारी किया गया है। इसका मकसद सर्दियों में बिगड़ती वायु गुणवत्ता को नियंत्रित करना है।

पुराने ट्रकों पर पूरी तरह रोक

CAQM ने साफ कहा है कि अब BS-IV या BS-III जैसे पुराने मानक वाले अन्य राज्यों के रजिस्टर्ड कॉमर्शियल गुड्स वाहनों को दिल्ली में एंट्री नहीं मिलेगी। इसमें लाइट, मीडियम और हेवी गुड्स वाहन (LGV, MGV, HGV) सभी शामिल हैं। यह कदम प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों को सड़कों से हटाने की दिशा में अहम माना जा रहा है।

BS-IV वाहनों को एक साल की मोहलत

सरकार ने ट्रांसपोर्ट इंडस्ट्री को थोड़ा राहत देते हुए कहा है कि BS-IV इंजन वाले वाहनों को 31 अक्टूबर 2026 तक अस्थायी छूट दी जाएगी। यह संक्रमणकाल कंपनियों को अपने वाहन बेड़े को धीरे-धीरे BS-VI मानक में अपग्रेड करने का मौका देगा।

किन्हें मिलेगी छूट

CAQM के नोटिफिकेशन में बताया गया है कि सभी वाहनों पर एक जैसी रोक नहीं होगी. कुछ श्रेणियों को छूट दी गई है:

  • दिल्ली में रजिस्टर्ड कॉमर्शियल गुड्स वाहन
  • BS-VI मानक वाले पेट्रोल/डीजल वाहन
  • BS-IV कॉमर्शियल गुड्स वाहन (31 अक्टूबर 2026 तक)
  • CNG, LNG और इलेक्ट्रिक वाहन- इन पर विशेष प्रोत्साहन दिया जाएगा

निजी वाहन चालकों के लिए कोई नई पाबंदी नहीं है. टैक्सी, ओला-उबर जैसे कमर्शियल पैसेंजर वाहन भी इस दायरे से बाहर रहेंगे।

दिल्ली की हवा ‘गंभीर’ श्रेणी में

अक्टूबर के आखिरी हफ्ते से दिल्ली की हवा लगातार खराब हो रही है। SAFAR इंडिया के अनुसार कई इलाकों में AQI 400 से 900 के बीच दर्ज किया गया है, जो ‘गंभीर’ श्रेणी में आता है। सबसे प्रदूषित इलाकों में आनंद विहार, आईटीओ, चांदनी चौक और अशोक विहार शामिल हैं। CAQM ने इसी वजह से GRAP (Graded Response Action Plan) लागू किया है, जिसके तहत वाहनों की आवाजाही, निर्माण गतिविधियों और औद्योगिक इकाइयों पर सख्ती बढ़ाई गई है।

प्रदूषण का 38% हिस्सा वाहन क्षेत्र से

दिल्ली सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, राजधानी के कुल प्रदूषण में वाहनों का योगदान लगभग 38% है। पुराने डीजल ट्रकों और बसों पर रोक को प्रदूषण नियंत्रण की दिशा में निर्णायक कदम बताया जा रहा है।

ट्रांसपोर्टर्स की चिंता, पर राहत भी

AIMTC अध्यक्ष भीम वाधवा ने कहा, “एक साल का संक्रमणकाल उद्योग के लिए राहत है, लेकिन छोटे ऑपरेटरों पर इसका असर देखना होगा।” वहीं ऑल इंडिया मोटर एंड गुड्स ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के महासचिव राजेंद्र कपूर ने कहा कि नियमों को चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाए और पुराने वाहन मालिकों को स्क्रैप पॉलिसी के तहत मुआवजा मिले. जानकारी के मुताबिक, रोजाना करीब 60,000 कॉमर्शियल वाहन दिल्ली में माल लाते हैं, जिनमें से लगभग 35% अभी भी BS-IV मानक पर चलते हैं।

क्या है BS-VI मानक

BS-VI (Bharat Stage VI) भारत सरकार का नवीनतम उत्सर्जन मानक है, जिसे 1 अप्रैल 2020 से लागू किया गया। यह Euro-VI के बराबर माना जाता है और वाहन से निकलने वाले NOx, PM और CO उत्सर्जन को 70-80% तक कम करता है। इससे इंजन की कार्यक्षमता बढ़ती है और हवा भी साफ रहती है।

सख्त मॉनिटरिंग और जुर्माने की तैयारी

दिल्ली परिवहन विभाग ने सभी प्रवेश बिंदुओं पर RFID स्कैनिंग सिस्टम सक्रिय कर दिया है। केवल मानक पूरे करने वाले वाहन ही शहर में प्रवेश कर पाएंगे. जो वाहन नियम तोड़ेंगे, उन पर ₹20,000 तक का जुर्माना लगाया जाएगा और बार-बार उल्लंघन करने वालों का परमिट रद्द किया जा सकता है। अब देखना यह है कि क्या यह सख्त कदम वाकई दिल्ली की हवा को राहत दे पाएगा- या सर्दियों में स्मॉग की चादर एक बार फिर शहर को ढक लेगी।

Related Story

IPL
Royal Challengers Bengaluru

190/9

20.0

Punjab Kings

184/7

20.0

Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

RR 9.50
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!