ये रहा वो टर्निंग प्वाइंट, जिसने ट्रंप को फिर बना दिया अमेरिका का राष्ट्रपति

Edited By Utsav Singh,Updated: 06 Nov, 2024 07:53 PM

the turning point that made trump the president of the us again

अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप बन गए हैं। पहले ऐसा अनुमान था कि डोनाल्ड ट्रंप और कमला हैरिस के बीच कड़ा मुकाबला होगा और दोनों के बीच महीन अंतर रहेगा, लेकिन ट्रंप को 277 इलेक्टोरल वोट मिले हैं।

इंटरनेशनल डेस्क : अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप बन गए हैं। पहले ऐसा अनुमान था कि डोनाल्ड ट्रंप और कमला हैरिस के बीच कड़ा मुकाबला होगा और दोनों के बीच महीन अंतर रहेगा, लेकिन ट्रंप को 277 इलेक्टोरल वोट मिले हैं। रिपब्लिकन उम्मीदवार ट्रंप की प्रतिद्वंद्वी और डेमोक्रेटिक पार्टी की प्रत्याशी कमला हैरिस को 224 वोट मिले हैं।। इसी बीच ट्रंप ने जीत के बाद अमेरिकी नागरिकों का शुक्रिया किया और कहा कि वो चुनाव के दौरान किए गए हर वादों को पूरा करेंगे। आपको बता दें कि यह जीत ट्रंप के लिए बिल्कुल भी आसान नहीं रही। आज हम जानते है कि वह कौन सा टर्निंग प्वाइंट था जिसने उनके इस जीत में बढ़त दिला दी। 

आपको बता दें कि 13 जुलाई 2024 को पेंसिलवेनिया के बटलर पार्क में डोनाल्ड ट्रंप पर हुए हमले ने न केवल उनकी जिंदगी को खतरे में डाला, बल्कि उनके अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावी अभियान के लिए एक बड़ा टर्निंग प्वाइंट बन गया। गोली उनके कान के पास से होकर निकली, लेकिन ट्रंप ने उस पल में एक ऐसा कदम उठाया, जिसने उनकी ज़िंदगी और राजनीतिक भविष्य को बचाया।

कुछ सेकेंड्स में बदल गया सबकुछ
पेंसिलवेनिया में 20 साल के थॉमस मैथ्यू क्रुक्स ने AR Style 556 राइफल से ट्रंप पर गोली चलाई। गोली उनके कान के पास से निकल गई, जिससे उनकी सुनने की क्षमता पर असर पड़ा, लेकिन उनकी जान बच गई। 0.05 सेकेंड के भीतर ट्रंप ने अपना सिर दाहिनी तरफ घुमा लिया, जिससे गोली सिर को छेड़े बिना कान के पास से निकल गई। अगर ट्रंप ने यह कदम न उठाया होता, तो उनका बच पाना लगभग नामुमकिन था।

जीवन और मौत के बीच कुछ मिलिसेकंड्स: ट्रंप
हमले के बाद ट्रंप ने खुद माना कि उनकी मौत और जीवन के बीच बस कुछ मिलिसेकंड्स का अंतर था। हमले के वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि जब ट्रंप दाहिनी तरफ घूमें, तो गोली उनके कान से निकल जाती है। अगर उन्होंने अपनी दिशा न बदली होती, तो गोली उनके सिर के अगले हिस्से में लगती, जिससे उनकी जान का बचना लगभग असंभव हो जाता। गोली के बाद तुरंत ही सीक्रेट सर्विस एजेंट्स ने ट्रंप को घेर लिया और उन्हें सुरक्षा प्रदान की। वे ह्यूमन शील्ड बनाकर उन्हें हमलावर से बचाने में जुट गए। इसके कुछ ही पल बाद, स्नाइपर ने हमलावर को मार गिराया। ट्रंप को जल्दी से अपनी कार में ले जाया गया और इस दौरान उन्होंने फाइट, फाइट, फाइट का नारा लगाया, जो उनकी जिंदादिली और दृढ़ता को दर्शाता था।

AR Style 556 राइफल का खतरनाक असर
हमले में जिस AR Style 556 राइफल का इस्तेमाल किया गया था, वह सेमी-ऑटोमैटिक असॉल्ट राइफल थी। यह हथियार 3 किलोग्राम वजन का है और इसकी लंबाई लगभग 35 इंच है। इस राइफल की नली की लंबाई 16.10 इंच है, जिससे यह लंबी दूरी तक टारगेट को प्रभावी तरीके से हिट करने में सक्षम है। यह राइफल एक खतरनाक हथियार थी, जिसे वैध तरीके से खरीदा गया था।

साइंस का योगदान: ट्रंप की जान कैसे बची?
ट्रंप की जान का बचना केवल उनके फुर्तीले फैसले पर निर्भर नहीं था, बल्कि इसमें साइंस का भी योगदान था। गोली के ट्रैक को देखते हुए अगर ट्रंप सिर को दाहिनी तरफ न घुमाते, तो गोली सीधे उनके कनपटी पर लगती और उनके सिर से होकर निकल जाती, जिससे उनकी जान का बच पाना असंभव हो जाता। यह साबित करता है कि कभी-कभी कुछ पलों की सूझबूझ ही जीवन और मृत्यु के बीच फर्क पैदा कर सकती है।

एक नई राजनीतिक दिशा
13 जुलाई 2024 को हुए इस हमले ने ट्रंप की ज़िंदगी को तो बचाया ही, साथ ही उनके चुनावी संघर्ष को भी नया मोड़ दिया। इस घटना ने साबित कर दिया कि जब व्यक्ति की ज़िंदगी और राजनीति दोनों दांव पर लगी हों, तो एक पल का फैसला क्या असर डाल सकता है। ट्रंप के लिए यह हमला उनके जीवन को बचाने के अलावा, उनके चुनावी अभियान के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ बन गया। यह पल अमेरिकी राजनीति के इतिहास में हमेशा याद रखा जाएगा।

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