Edited By Parveen Kumar,Updated: 07 Sep, 2025 06:11 PM

आज यानी 7 सितंबर को साल 2025 का आखिरी चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है, जिसे भारत समेत दुनिया के कई हिस्सों में देखा जा सकेगा। यह चंद्र ग्रहण ज्योतिष और धार्मिक दृष्टिकोण से बेहद खास माना जा रहा है। इस चंद्र ग्रहण की शुरुआत आज रात 9 बजकर 58 मिनट पर होगी...
नेशनल डेस्क: आज यानी 7 सितंबर को साल 2025 का आखिरी चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है, जिसे भारत समेत दुनिया के कई हिस्सों में देखा जा सकेगा। यह चंद्र ग्रहण ज्योतिष और धार्मिक दृष्टिकोण से बेहद खास माना जा रहा है। इस चंद्र ग्रहण की शुरुआत आज रात 9 बजकर 58 मिनट पर होगी और इसका समापन देर रात 1 बजकर 26 मिनट पर होगा। ग्रहण का प्रभाव आंशिक होगा, लेकिन धार्मिक दृष्टि से इसका महत्व पूरी तरह माना जाता है।
सूतक काल और धार्मिक मान्यता
ग्रहण से पहले सूतक काल शुरू हो जाता है, जो ग्रहण के 9 घंटे पहले से माना जाता है। इस दौरान मंदिरों के दरवाजे बंद कर दिए जाते हैं और पूजा-पाठ वर्जित मानी जाती है। साथ ही इस समय खाने-पीने की चीजों में तुलसी के पत्ते डालकर रखने की परंपरा है, ताकि ग्रहण की अशुद्धता उन पर प्रभाव न डाले।
तुलसी क्यों होती है खास?
तुलसी के पत्तों को शुद्ध और पवित्र माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ग्रहण काल में तुलसी के पत्तों को खाने की चीजों में डालने से वे दूषित नहीं होतीं और ग्रहण के बाद भी सेवन योग्य बनी रहती हैं। लेकिन तुलसी केवल धार्मिक रूप से ही नहीं, बल्कि स्वास्थ्य के लिहाज से भी काफी फायदेमंद है।
आयुर्वेद विशेषज्ञों की राय
आयुर्वेद विशेषज्ञ डॉ. किरण गुप्ता बताती हैं कि तुलसी में एंटीवायरल, एंटीऑक्सीडेंट, एंटीबैक्टीरियल और एंटी इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं, जो शरीर की इम्यूनिटी बढ़ाने में मदद करते हैं। मौसम बदलने पर होने वाली खांसी-जुकाम जैसी समस्याओं से यह बचाव करता है। तुलसी स्किन के लिए भी लाभकारी मानी जाती है। इसमें मौजूद तत्व UV किरणों से होने वाले दुष्प्रभाव से त्वचा को बचाते हैं और उसे हेल्दी बनाए रखते हैं।
तुलसी का पानी कैसे है फायदेमंद?
डॉ. किरण के अनुसार, अगर कुछ तुलसी के पत्तों को धोकर पानी में भिगोकर रखा जाए, तो वह पानी एंटीसेप्टिक बन जाता है। यह पानी पीने से इम्यून सिस्टम मजबूत होता है और शरीर में रेड व वाइट ब्लड सेल्स संतुलित रहते हैं।
सावधानी भी है जरूरी
तुलसी की तासीर गर्म होती है, इसलिए इसके पत्तों को चबाकर खाना दांतों के लिए हानिकारक हो सकता है। इससे दांतों का इनैमल कमजोर हो सकता है। साथ ही शरीर में पित्त बढ़ने की संभावना भी रहती है। विशेषज्ञों की सलाह है कि गर्म तासीर वाली चीजें न झेल पाने वाले लोग, गर्भवती महिलाएं, स्तनपान कराने वाली महिलाएं और हाई बीपी, डायबिटीज या एसिडिटी जैसी समस्याओं से जूझ रहे लोग तुलसी का सेवन करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें।