Edited By Anu Malhotra,Updated: 29 Aug, 2025 01:15 PM

माता वैष्णो देवी की यात्रा उस समय चीखों में बदल गई, जब अर्धकुंवारी के पास भयानक भूस्खलन ने दर्जनों जिंदगियों को मलबे में दफना दिया। इस भयावह हादसे में राजस्थान के सुजानगढ़ कस्बे के दो सगे भाइयों की एक साथ मौत ने पूरे इलाके को गहरे शोक में डुबो दिया।...
नेशनल डेस्क: माता वैष्णो देवी की यात्रा उस समय चीखों में बदल गई, जब अर्धकुंवारी के पास भयानक भूस्खलन ने दर्जनों जिंदगियों को मलबे में दफना दिया। इस भयावह हादसे में राजस्थान के सुजानगढ़ कस्बे के दो सगे भाइयों की एक साथ मौत ने पूरे इलाके को गहरे शोक में डुबो दिया। अनिल (40) और अरविंद सोनी(45) -जो अपने परिवार के साथ आस्था की इस यात्रा पर निकले थे-अब कभी वापस नहीं लौटेंगे। घर की दीवारें खामोश हैं, दरवाजे बंद हैं और हर आंख नम है... माता रानी के दरबार से लौटने की जो उम्मीद थी, वह अब अंतिम दर्शन में बदल चुकी है।
गुरुवार को पूरे सुजानगढ़ में सन्नाटा पसरा रहा। बाजार बंद रहे और हर गली में बस एक ही चर्चा थी- अनिल और अरविंद की अकाल मृत्यु। दोनों भाइयों की सामाजिक पहचान भी मजबूत थी, जिससे उनके निधन की खबर से आमजन भी स्तब्ध रह गए।
गुरुवार भर मोहल्ले के लोग बेसब्री से अनिल, अरविंद और गजानंद की खबरों का इंतजार करते रहे। परिजनों की चिंता उस समय और बढ़ गई जब संपर्क साधने की हर कोशिश नाकाम रही। हर किसी को उम्मीद थी कि माता रानी के दरबार से जल्द लौटेंगे, साथ में प्रसाद भी लाएंगे, लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था।
शवों के इंतजार में निकले परिजन
शवों को लेने के लिए सुजानगढ़ और सरदारशहर से करीब आठ लोग जम्मू रवाना हुए हैं। उम्मीद है कि मृतकों के पार्थिव शरीर शुक्रवार तक सुजानगढ़ पहुंच जाएंगे। गांव और परिवारों में इस त्रासदी को लेकर शोक की लहर है।
परिवार की हालत बेहद खराब
इस दर्दनाक हादसे की जानकारी अभी तक परिवार की बुजुर्ग महिलाओं को नहीं दी गई है। पिता हनुमानमल सोनी बेटे न लौटने के गम में कुछ भी खाने से इनकार कर चुके हैं। उनका स्वास्थ्य भी गिरता जा रहा है। अनिल अपने पीछे दो बेटियां और एक बेटा छोड़ गया है, जबकि अरविंद के दो बेटे हैं। अनिल की दुकान नया बाजार में थी और अरविंद की दुकान गांधी बालिका स्कूल के सामने, जबकि उनके पिता की दुकान पाडियां धर्मशाला के पास है।