DU में बोले अमित शाह- विश्वविद्यालयों को वैचारिक लड़ाई का मैदान नहीं बनना चाहिए

Edited By Seema Sharma,Updated: 19 May, 2022 03:01 PM

universities should not become ideological battlegrounds shah

दिल्ली विश्वविद्यालय (DU) के एक कार्यक्रम में बोलते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 2014 से 2022 तक के शासनकाल में भारत ने कई नए मुकाम हासिल किए और 80 करोड़ लोग खुद को देश का हिस्सा मानने लगे हैं।

नेशनल डेस्क: दिल्ली विश्वविद्यालय (DU) के एक कार्यक्रम में बोलते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 2014 से 2022 तक के शासनकाल में भारत ने कई नए मुकाम हासिल किए और 80 करोड़ लोग खुद को देश का हिस्सा मानने लगे हैं।

 

शाह ने कहा कि मोदी सरकार से पहले, भारत के पास कोई रक्षा नीति नहीं थी, लेकिन हमने ‘सर्जिकल स्ट्राइक' और हवाई हमलों से दिखाया कि यह क्या होती है। बता दें कि दिल्ली विश्वविद्यालय ने तीन दिवसीय 'स्वराज से नव भारत तक भारत के विचारों का पुनरावलोकन' संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इसका उद्घाटन गृहमंत्री अमित शाह ने किया।

 

शाह के संबोधन के प्रमुख अंश

  • भारत एक भू-सांस्कृतिक देश है और जब तक हम इसे नहीं समझेंगे, हम भारत के विचार को नहीं समझ सकते।
  • नई शिक्षा नीति (NEP) पहली ऐसी शिक्षा नीति है, जिसका किसी ने विरोध नहीं किया और सभी ने इसका स्वागत किया।
  • कुछ लोग भारत को समस्याओं का देश कहते हैं, लेकिन हमारे पास समाधान खोजने की क्षमता है।
  • विश्वविद्यालयों को विचार आदान-प्रदान करने का मंच बनना चाहिए, न कि वैचारिक लड़ाई का स्थान।

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