दुष्कर्म की घटनाएं जिन्होंने देश को झकझोरा

Edited By Anil dev,Updated: 07 Dec, 2019 08:55 AM

unnao police muzaffarpur

दुष्कर्म आरोपियों के पुलिस मुठभेड़ में मारे जाने के बाद न्याय देने की प्रक्रिया पर राष्ट्रव्यापी बहस छिड़ गई है। एक ओर लोग इसे त्वरित न्याय करार देकर समर्थन कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर न्यायेत्तर उपाय को लेकर चिंता जता रहे हैं। देश में दुष्कर्म के कई...

नई दिल्ली: दुष्कर्म आरोपियों के पुलिस मुठभेड़ में मारे जाने के बाद न्याय देने की प्रक्रिया पर राष्ट्रव्यापी बहस छिड़ गई है। एक ओर लोग इसे त्वरित न्याय करार देकर समर्थन कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर न्यायेत्तर उपाय को लेकर चिंता जता रहे हैं। देश में दुष्कर्म के कई ऐसे मामले हैं जिन्होंने देश को झकझोर दिया था। जानते हैं अभी उनकी कानूनी स्थिति क्या है।

PunjabKesari

उन्नाव दुष्कर्म कांड 
वर्ष 2017 में नाबालिग लड़की ने भाजपा से निष्कासित विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर अपहरण और सामूहिक दुष्कर्म का आरोप लगाया। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर मामले की सुनवाई दिल्ली स्थानांतरित करते हुए सी.बी.आई. को 7 दिनों में जांच पूरी करने को कहा। न्यायालय ने इस साल 2 अगस्त को सी.बी.आई. को 7 और दिन जांच के लिए दिए। मामले की सुनवाई 11 सितम्बर को दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुॢवज्ञान संस्थान में ही बंद कमरे में शुरू हुई जहां पर एक सड़क हादसे के बाद 28 जुलाई को पीड़िता को भर्ती कराया गया था। पीड़िता ने अपना बयान दर्ज कराया। मुख्य मामले के साथ पीड़िता से हादसे का मामला भी दिल्ली स्थानांतरित किया गया। सामूहिक दुष्कर्म मामले में अंतिम दौर की जिरह जिला न्यायाधीश धर्मेश शर्मा की अदालत में चल रही है।  
 

PunjabKesari

मुजफ्फरपुर बाल गृह कांड
बिहार के मुजफ्फरपुर स्थित बाल गृह में कई नाबालिग बच्चियों का यौन एवं शारीरिक शोषण किया गया। इसका खुलासा टाटा इंस्टीच्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (टी.आई.एस.एस.) की रिपोर्ट में हुआ जो बिहार सरकार के समक्ष 26 मई 2018 को जमा कराई गई थी। मामले में पूर्व विधायक ब्रजेश ठाकुर मुख्य आरोपी है। मामले में निर्धारित समय से एक महीना पहले 12 दिसम्बर को फैसला आने की उम्मीद है।  पोक्सो अदालत ने सी.बी.आई. के वकील और 11 आरोपियों का पक्ष सुनने के बाद 30 सितम्बर को फैसला सुरक्षित रख लिया। 


कठुआ दुष्कर्म कांड 
वर्ष 2018 में कठुआ में 8 वर्षीय बच्ची के साथ हुए सामूहिक दुष्कर्म और हत्या के मामले में 6 लोगों को दोषी करार दिया गया। 4 महीने बाद, अक्तूबर में हलांकि जम्मू की अदालत ने पुलिस को मामले की जांच के लिए गठित विशेष जांच टीम के 6 सदस्यों के खिलाफ मुकद्दमा दर्ज करने का निर्देश दिया। जांच दल के सदस्यों पर गवाहों को गलत गवाही देने के लिए दबाव बनाने और यातना देने का आरोप है। इस साल जून में जिला एवं सत्र न्यायाधीश तेजविंदर सिंह की अदालत ने 3 आरोपियों को उम्र कैद की सुनाई जबकि बाकी 3 को सबूतों को नष्ट करने के आरोप में 5-5 साल कारावास की सजा सुनाई। कठुआ में वकीलों द्वारा मामले में आरोप पत्र दाखिल करने से रोकने पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई पंजाब के पठानकोट स्थानांतरित कर दी थी और करीब एक साल तक बंद कमरे में मामले की सुनवाई हुई।

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!