Edited By Shubham Anand,Updated: 22 Nov, 2025 08:07 PM

उत्तर प्रदेश सरकार ने NCR जिलों में वायु प्रदूषण कम करने के लिए बड़ा कदम उठाया है। योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर गौतमबुद्धनगर और गाजियाबाद में डीजल ऑटो रिक्शा पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाया गया है। बागपत में 31 दिसंबर 2025 तक, और मेरठ, हापुड़, बुलंदशहर,...
नेशनल डेस्क : उत्तर प्रदेश में बढ़ते वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए योगी आदित्यनाथ सरकार ने यूपी एनसीआर में डीजल से चलने वाले ऑटो रिक्शा पर बड़ा एक्शन प्लान लागू किया है। वाहनों से होने वाला प्रदूषण इस क्षेत्र की सबसे गंभीर समस्या है और इसे कम करने के लिए चरणबद्ध पाबंदियाँ लागू की गई हैं।
डीजल ऑटो रिक्शा पर प्रतिबंध
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर परिवहन विभाग ने गौतमबुद्धनगर और गाजियाबाद में डीजल ऑटो रिक्शा पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया है। वहीं बागपत में सभी डीजल ऑटो 31 दिसंबर, 2025 तक हटाए जाएंगे। इसके बाद मेरठ, हापुड़, बुलंदशहर, मुजफ्फरनगर और शामली में 31 दिसंबर, 2026 तक चरणबद्ध तरीके से डीजल ऑटो संचालन पर रोक लगाई जाएगी।
सरकार का मानना है कि यह कदम वाहनों से होने वाले प्रदूषण और साफ हवा सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है। NCR के इन जिलों में बड़ी आबादी रोजाना प्रदूषण के प्रभाव से जूझती है। डीजल ऑटो पर प्रतिबंध के कारण आने वाले महीनों में एयर क्वालिटी में सुधार होने की उम्मीद जताई जा रही है।
सड़क धूल और वाहन प्रदूषण पर सख्ती
योगी सरकार ने सड़क धूल को भी वायु प्रदूषण का एक बड़ा कारण माना है। इसी वजह से नोएडा और ग्रेटर नोएडा में एंटी स्मॉग गन, स्प्रिंकल सिस्टम और मेकेनिकल रोड क्लीनिंग में तेजी लाई गई है। इसके लिए राज्य स्तर पर प्रोजेक्ट मॉनिटरिंग यूनिट (PMU) भी बनाई गई है, जिसमें पर्यावरण, नगरीय विकास, आवास, सार्वजनिक निर्माण और औद्योगिक विकास विभाग के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं।
साफ हवा पर केंद्रित नीति
उत्तर प्रदेश सरकार का उद्देश्य दिल्ली से सटे जिलों को प्रदूषण मुक्त बनाना है। सड़क पुनर्विकास, धूल दमन और वाहन प्रदूषण नियंत्रण की नीति से आने वाले महीनों में जमीन पर बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं। डीजल ऑटो पर रोक लगाने को प्रदेश में वायु प्रदूषण सुधार की दिशा में महत्त्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। इससे आम जनता को साफ हवा और बेहतर जीवन गुणवत्ता मिलने की उम्मीद जताई जा रही है।