त्योहारी सीजन में UPI बूम! अक्टूबर में लेनदेन ने 20.7 अरब के आंकड़े को किया पार

Edited By Updated: 03 Nov, 2025 09:08 PM

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त्योहारी सीजन में डिजिटल भुगतान ने नया रिकॉर्ड बनाया है। एनपीसीआई के अनुसार, अक्टूबर 2025 में यूपीआई के जरिए 20.7 अरब लेनदेन हुए, जो अब तक का सर्वाधिक आंकड़ा है। लेनदेन की राशि 27.28 लाख करोड़ रुपये पहुंची। यूपीआई ने 2016 से अब तक जबरदस्त वृद्धि की...

नेशनल डेस्क : त्योहारी खरीदारी की रौनक के बीच डिजिटल पेमेंट्स ने भी नया कीर्तिमान रचा है। नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) के शनिवार जारी आंकड़ों के अनुसार, यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) के माध्यम से अक्टूबर 2025 में कुल 20.7 अरब लेनदेन दर्ज किए गए, जो अब तक का सर्वाधिक आंकड़ा है। सितंबर में यह संख्या 19.63 अरब थी। मूल्य के लिहाज से देखें तो लेनदेन की राशि सितंबर के 24.90 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर अक्टूबर में 27.28 लाख करोड़ रुपये पहुंच गई, यानी संख्या और रकम दोनों में ऐतिहासिक उछाल आया। अक्टूबर में औसतन प्रतिदिन 66.8 करोड़ लेनदेन हुए, जो सितंबर के 65.4 करोड़ से अधिक हैं।

यूपीआई का 2016 से अब तक की उड़ान
एनपीसीआई ने अप्रैल 2016 में यूपीआई की शुरुआत की थी, जो आज भारत की सबसे बड़ी खुदरा भुगतान प्रणाली बन चुकी है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की एक रिपोर्ट के मुताबिक, यूपीआई लेनदेन की संख्या 2019 की पहली छमाही के 441.6 करोड़ से बढ़कर 2025 की पहली छमाही में 10,636.96 करोड़ हो गई। वर्तमान में यूपीआई कुल डिजिटल लेनदेन में संख्या के आधार पर 84.8% और मूल्य के आधार पर 9.1% हिस्सेदारी रखता है, जो दर्शाता है कि इसका अधिकांश उपयोग छोटे-मोटे भुगतानों में होता है।

पीडब्ल्यूसी इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2027 तक यूपीआई प्रतिदिन 100 करोड़ लेनदेन तक पहुंच सकता है और भारत के कुल डिजिटल भुगतानों का 90% हिस्सा हासिल कर लेगा। एनपीसीआई के आंकड़ों में अक्टूबर 2025 में यूपीआई लेनदेन की संख्या पिछले साल की तुलना में 25% और रकम में 16% की वृद्धि दर्ज की गई।

विशेषज्ञों की राय: त्योहारी सीजन का कमाल
पेनियरबाय के संस्थापक व सीईओ आनंद कुमार बजाज ने कहा, "इस त्योहारी सीजन में यूपीआई छोटे खर्चों से लेकर बड़े व्यापारिक भुगतानों तक हर जगह सबसे आसान विकल्प बन गया है। भारत इस गति को और तेज कर रहा है, जिससे स्थानीय दुकानदार और डिजिटल नेटवर्क नए ग्राहकों को भरोसे के साथ ऑनलाइन भुगतान अपनाने में मदद कर रहे हैं।"

अन्य डिजिटल भुगतान चैनलों का प्रदर्शन
फास्टैग लेनदेन: सितंबर के 33.3 करोड़ से बढ़कर अक्टूबर में 36.1 करोड़ हो गए, यानी सालाना 5% की वृद्धि। कुल रकम 6,421 करोड़ से 6,686 करोड़ रुपये पहुंची। औसतन प्रतिदिन 1.16 करोड़ लेनदेन हुए।

आईएमपीएस लेनदेन: तत्काल भुगतान सेवा से सितंबर के 394 मिलियन से अक्टूबर में 404 मिलियन लेनदेन, सालाना 15% की बढ़ोतरी। रकम 5.97 लाख करोड़ से 6.42 लाख करोड़ रुपये हो गई। यह मोबाइल, इंटरनेट और एटीएम के जरिए तुरंत बैंक-टू-बैंक ट्रांसफर की सुविधा देता है।

एईपीएस लेनदेन: आधार-आधारित प्रणाली से सितंबर के 106 मिलियन से अक्टूबर में 112 मिलियन लेनदेन हुए, लेकिन सालाना 11% की गिरावट दर्ज की गई। रकम 27,380 करोड़ से 30,500 करोड़ रुपये पहुंची, फिर भी सालाना 6% की कमी। यह ग्रामीण क्षेत्रों में आधार नंबर से बैंकिंग सुविधा प्रदान करता है।

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