शादी के बाद नहीं मिला सुकून! हर तीसरी महिला का शोषण करने वाला है उसका ही पति, सामने आए चौंकाने वाले आंकड़े

Edited By Updated: 26 Aug, 2025 10:28 AM

violence against women in india is a bitter truth shocking statistics of dowry

भारत में महिलाओं के प्रति हिंसा, यौन शोषण और दहेज हत्या के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। आज भी कई परिवारों में बहू-बेटियों को घरेलू हिंसा का सामना करना पड़ता है। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो द्वारा 2022 में जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक उस साल भारत...

नेशनल डेस्क। भारत में महिलाओं के प्रति हिंसा, यौन शोषण और दहेज हत्या के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। आज भी कई परिवारों में बहू-बेटियों को घरेलू हिंसा का सामना करना पड़ता है। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो द्वारा 2022 में जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक उस साल भारत में दहेज उत्पीड़न के कारण 6,516 महिलाओं की मौत हुई थी। यह आंकड़ा उसी साल बलात्कार या सामूहिक बलात्कार के बाद मारी गई महिलाओं की संख्या से 25 गुना ज्यादा है।

दहेज उत्पीड़न के भयावह आंकड़े

2022 की NCRB रिपोर्ट के अनुसार दहेज निषेध अधिनियम के तहत सिर्फ 13,641 महिलाएं ही पीड़ित के रूप में दर्ज हुईं। अगर यह आंकड़ा सही है तो इसका मतलब होगा कि दहेज के लिए प्रताड़ित हर तीसरी महिला की मौत हो जाती है।

ये आंकड़े दिखाते हैं कि ज्यादातर महिलाएं तब तक दहेज विरोधी कानून के तहत मदद नहीं मांगतीं जब तक कि स्थिति बेहद गंभीर न हो जाए जैसा कि निक्की भाटी जैसे मामलों में देखा गया है।

PunjabKesari

NFHS के 2019-21 के आंकड़ों के मुताबिक 18 से 49 साल की 29% महिलाओं को अपने पति से शारीरिक या यौन हिंसा झेलनी पड़ी है।

दहेज: समाज के लिए एक गंभीर चुनौती

2010 की एक किताब 'भारत में मानव विकास: परिवर्तन में एक समाज के लिए चुनौतियां' के अनुसार भारत में दुल्हन के परिवार का शादी पर होने वाला औसत खर्च दूल्हे के परिवार से 1.5 गुना अधिक था। इस सर्वे में 29% लोगों ने माना कि अगर महिला या उसका परिवार मन मुताबिक दहेज नहीं देता है तो उसे पीटना एक आम बात है। यह दिखाता है कि दहेज से जुड़ी हिंसा एक बेहद चिंताजनक सामाजिक समस्या बनी हुई है।

यह भी पढ़ें: नापसंद थी पत्नी, इच्छा पूरी नहीं करने पर पति ने गर्म चाकू से दागा, जब दर्द से निकली चीख तो उसके....

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQ)

दहेज हत्या क्या है?

दहेज हत्या तब होती है जब किसी महिला को दहेज की मांग के कारण मार दिया जाता है या उसकी मौत हो जाती है।

क्या दहेज उत्पीड़न के सभी मामले दर्ज होते हैं?

नहीं दहेज निषेध अधिनियम के तहत दर्ज मामलों की संख्या (2022 में 13,641) वास्तविक संख्या से काफी कम हो सकती है क्योंकि कई मामले रिपोर्ट नहीं हो पाते हैं।

PunjabKesari

दहेज हत्या के मामलों में सजा की दर क्या है?

2022 में दहेज हत्या के जिन 3,689 मामलों की सुनवाई पूरी हुई उनमें से केवल 33% में ही दोषी साबित हो पाए।

दहेज हत्या के मामलों में क्या चुनौतियां हैं?

दहेज हत्या के मामलों में धीमी सुनवाई, कम दोषसिद्धि दर और सामाजिक दबाव जैसी कई चुनौतियां हैं जो न्याय की राह में बाधा डालती हैं।

Related Story

IPL
Royal Challengers Bengaluru

190/9

20.0

Punjab Kings

184/7

20.0

Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

RR 9.50
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!