Edited By Shubham Anand,Updated: 18 Nov, 2025 02:53 PM

पश्चिम बंगाल में चल रहे SIR के दौरान फर्जी और मृत मतदाताओं को हटाने के लिए चुनाव आयोग AI तकनीक का उपयोग करेगा। AI मतदाता सूची में एक ही चेहरे वाले डुप्लिकेट एंट्री की पहचान करेगा। आयोग ने BLO की जिम्मेदारी बरकरार रखते हुए घर-घर सत्यापन जारी रखा है।...
नेशनल डेस्क: पश्चिम बंगाल में चल रहे विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण (SIR) अभियान के दौरान फर्जी, मृत और डुप्लीकेट मतदाताओं पर लगाम लगाने के लिए चुनाव आयोग ने बड़ा कदम उठाया है। आयोग अब कृत्रिम बुद्धिमत्ता (Artificial Intelligence - AI) तकनीक का इस्तेमाल करेगा। एक वरिष्ठ चुनाव अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
अधिकारी के अनुसार, AI सिस्टम मतदाता डेटाबेस में मौजूद लाखों तस्वीरों का विश्लेषण करेगा और चेहरों की समानता (facial recognition) के आधार पर एक ही व्यक्ति के एक से अधिक जगहों पर पंजीकृत होने की पहचान करेगा। इससे एक ही फोटो वाले कई मतदाता प्रवेश (डुप्लीकेट वोटर) का पता आसानी से चल जाएगा।
AI शामिल करने का फैसला
अधिकारी ने बताया कि हाल के महीनों में प्रवासी मजदूरों की तस्वीरों के गलत इस्तेमाल और एक ही व्यक्ति के कई जगहों पर नाम जुड़ने की शिकायतें काफी बढ़ी हैं। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी हाल ही में दावा किया था कि एक ही नाम और फोटो से कई-कई वोट डाले जा रहे हैं। इन शिकायतों को देखते हुए AI तकनीक को शामिल करने का फैसला लिया गया है।
BLO की जवाबदेही और सख्त
चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि AI के बावजूद बूथ लेवल अधिकारियों (BLO) की जिम्मेदारी कम नहीं होगी। BLO को घर-घर जाकर मतदाताओं की नई तस्वीरें लेनी होंगी। बूथ लेवल एजेंट (BLA) द्वारा फॉर्म जमा करने पर भी BLO को व्यक्तिगत रूप से घर जाकर हस्ताक्षर और विवरण का सत्यापन करना अनिवार्य होगा। मतदाता से रिसीविंग भी लेनी होगी।
आयोग ने सख्त जवाबदेही के नियम तय किए हैं। अगर गणना और फॉर्म सत्यापन के बाद भी कोई फर्जी या मृत मतदाता सूची में पाया जाता है, तो संबंधित पोलिंग बूथ के BLO को सीधे जिम्मेदार ठहराया जाएगा।
SIR के दबाव में की आत्महत्या
SIR अभियान के कारण BLO पर भारी कार्यभार पड़ने से देश के कई हिस्सों में असंतोष है। केरल के कन्नूर जिले के पय्यान्नूर में BLO अनीश जॉर्ज ने इसी दबाव के चलते आत्महत्या कर ली। इसके बाद इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर केरल में SIR प्रक्रिया को तत्काल रोकने की मांग की है। याचिका में कहा गया है कि अधिकारी इस अभियान के भारी दबाव को झेलने में असमर्थ हो रहे हैं।