Premanand Maharaj: मंदिर में भगवान को देखकर आंसू आना क्या संकेत देता है? प्रेमानंद महाराज ने बताया इसका गहरा मतलब

Edited By Updated: 05 Aug, 2025 03:36 PM

what does it indicate to shed tears in temple premananda maharaj explained

क्या आपने कभी मंदिर में भगवान के सामने खड़े होकर अचानक खुद को भावुक होते पाया है? क्या आपकी आंखों से अनायास ही आंसू बहने लगे? यदि हां, तो यह कोई साधारण घटना नहीं है। प्रसिद्ध कथावाचक प्रेमानंद महाराज के अनुसार, यह अनुभव गहरी आध्यात्मिक चेतना और...

नेशनल डेस्क: क्या आपने कभी मंदिर में भगवान के सामने खड़े होकर अचानक खुद को भावुक होते पाया है? क्या आपकी आंखों से अनायास ही आंसू बहने लगे? यदि हां, तो यह कोई साधारण घटना नहीं है। प्रसिद्ध कथावाचक प्रेमानंद महाराज के अनुसार, यह अनुभव गहरी आध्यात्मिक चेतना और ईश्वर से आत्मिक जुड़ाव का संकेत हो सकता है।

भगवान को देखकर क्यों आते हैं आंसू?
प्रेमानंद महाराज का कहना है कि जब कोई भक्त पूर्ण समर्पण और सच्ची भावना के साथ भगवान की मूर्ति को निहारता है, तो उसका मन और आत्मा ईश्वर से जुड़ने लगते हैं। यह जुड़ाव इतना गहरा होता है कि व्यक्ति अपने भीतर छिपे सभी भावों को छोड़ देता है, जिसमें अहंकार भी शामिल है।

दैवीय अनुभूति होती है ये भावुकता
महाराज के अनुसार, यह रोना किसी प्रकार की कमजोरी नहीं, बल्कि एक दैवीय अनुभूति है। यह इस बात का प्रमाण है कि भगवान की कृपा उस व्यक्ति पर बरस रही है और उसका हृदय निर्मल हो रहा है। ऐसे आंसू आत्मा की पवित्रता और भक्ति का प्रमाण होते हैं।

भक्ति में डूबे आंसू हैं आध्यात्मिक प्रगति का संकेत
उन्होंने कहा, जब कोई सच्चा भक्त ईश्वर के चरणों में नतमस्तक होता है, तो यह भावुकता इस बात का संकेत है कि वह व्यक्ति ईश्वर के और अधिक निकट आ गया है। उसके जीवन में भक्ति का मार्ग प्रशस्त हो रहा है और वह सही राह पर अग्रसर है।

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