New Year Mystery: आखिरकार 1 जनवरी को ही क्यों मनाया जाता है नववर्ष? जानें वजह

Edited By Updated: 30 Dec, 2025 01:03 PM

what is the reason for celebrating new year on january 1st only

क्या आप जानते हैं कि हमेशा से 1 जनवरी को साल का पहला दिन नहीं माना जाता था? एक समय ऐसा भी था जब साल मार्च से शुरू होता था और उसमें केवल 10 महीने ही होते थे। आज हम जो नया साल मनाते हैं उसके पीछे हजारों सालों का इतिहास, राजाओं के फैसले और कैलेंडर में...

Happy New Year 2026 : क्या आप जानते हैं कि हमेशा से 1 जनवरी को साल का पहला दिन नहीं माना जाता था? एक समय ऐसा भी था जब साल मार्च से शुरू होता था और उसमें केवल 10 महीने ही होते थे। आज हम जो नया साल मनाते हैं उसके पीछे हजारों सालों का इतिहास, राजाओं के फैसले और कैलेंडर में हुए बड़े बदलाव छिपे हैं। आइए समझते हैं इस दिलचस्प सफर को:

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जब मार्च से होती थी साल की शुरुआत

प्राचीन रोम (Old Rome) के शुरुआती दौर में कैलेंडर आज से बिल्कुल अलग था। पुराने कैलेंडर में साल की शुरुआत 1 मार्च से होती थी और दिसंबर पर साल खत्म हो जाता था। मार्च को साल का पहला महीना इसलिए चुना गया था क्योंकि यह वसंत ऋतु और खेती की शुरुआत का समय था। साथ ही, रोमन सेनाएं भी इसी महीने से अपने सैन्य अभियान शुरू करती थीं।

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जनवरी और फरवरी का आगमन

लगभग 700 ईसा पूर्व (700 BCE), रोमन राजा नूमा पोम्पिलियस ने कैलेंडर में सुधार किया और दो नए महीने जोड़े जनवरी और फरवरी। रोमन सीनेट ने राजनीतिक कारणों से 1 जनवरी को नए सरकारी साल की शुरुआत घोषित किया। ऐसा इसलिए किया गया ताकि नए चुने गए अधिकारी समय पर अपना पदभार संभाल सकें और आने वाले युद्धों की बेहतर योजना बना सकें।

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जूलियस सीजर और जूलियन कैलेंडर

45 ईसा पूर्व (45 BCE) में जूलियस सीजर ने एक ऐतिहासिक बदलाव किया। उन्होंने 'जूलियन कैलेंडर' पेश किया, जिसने कैलेंडर को सूरज की गति (Solar Year) के साथ जोड़ा। सीजर ने औपचारिक रूप से 1 जनवरी को साल का पहला दिन बनाया। 'जनवरी' नाम रोमन देवता 'जानूस' (Janus) के नाम पर रखा गया है जिनके दो चेहरे थे—एक पीछे (बीते साल) की ओर और एक आगे (आने वाले साल) की ओर देखता हुआ। इसी समय लीप वर्ष (Leap Year) की शुरुआत हुई जिससे समय की गणना और भी सटीक हो गई।

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मध्यकाल की धार्मिक बहस और पोप ग्रेगरी का सुधार

रोमन साम्राज्य के पतन के बाद ईसाई धर्मगुरुओं ने 1 जनवरी को मनाना बंद कर दिया क्योंकि वे इसे पुरानी गैर-ईसाई परंपरा मानते थे। उस दौरान यूरोप के कई हिस्सों में 25 दिसंबर (क्रिसमस) या 25 मार्च को नया साल मनाया जाने लगा लेकिन जूलियन कैलेंडर में कुछ गणितीय गलतियां थीं जिन्हें ठीक करने के लिए 1582 में पोप ग्रेगरी XIII ने ग्रेगोरियन कैलेंडर पेश किया। इस सुधार ने 1 जनवरी को फिर से आधिकारिक तौर पर 'नया साल' घोषित किया। दुनिया ने कब अपनाया: कैथोलिक देशों ने तो इसे तुरंत मान लिया लेकिन ब्रिटेन ने 1752, रूस ने 1918 और ग्रीस ने 1923 में इसे अपनाया। आज यही ग्रेगोरियन कैलेंडर पूरी दुनिया में मानक के रूप में इस्तेमाल होता है।

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