21 जून को ही क्यों मनाया जाता है योग दिवस, 90% से अधिक लोगों को नहीं पता होगी वजह, आइए जानते हैं

Edited By Updated: 21 Jun, 2025 02:46 PM

why international yoga day celebrated on 21 june

हर साल 21 जून को पूरी दुनिया में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस (International Yoga Day) बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। योग अब सिर्फ भारत तक सीमित नहीं रहा, बल्कि यह वैश्विक स्तर पर स्वास्थ्य और मानसिक शांति का प्रतीक बन चुका है।

National Desk : हर साल 21 जून को पूरी दुनिया में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। योग अब सिर्फ भारत तक सीमित नहीं रहा, बल्कि यह वैश्विक स्तर पर स्वास्थ्य और मानसिक शांति का प्रतीक बन चुका है। लेकिन क्या आपने कभी यह विचार किया है कि योग दिवस के लिए 21 जून की तारीख ही क्यों चुनी गई? इसके अलावा योग से जुड़ी कई रोचक बातें भी हैं, जिनसे आज भी बहुत से लोग अनजान हैं।

21 जून को ही क्यों चुना गया योग दिवस?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 में संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) में प्रस्ताव रखा था कि योग को दुनियाभर पहचान दी जाए और इसके लिए एक विशेष दिन तय किया जाए। उनका प्रस्ताव 177 देशों के सपोर्ट के साथ पारित हुआ और 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस घोषित किया गया। यही नहीं, 21 जून को चुनने के पीछे एक खास वैज्ञानिक और सांस्कृतिक कारण है यह भी है कि 21 जून साल का सबसे लंबा दिन (Summer Solstice) होता है और भारतीय संस्कृति में इसे आध्यात्मिक परिवर्तन की शुरुआत माना जाता है। यह समय उत्तरायण का भी प्रतीक है, जिसे योग के अभ्यास के लिए अत्यंत शुभ माना गया है।

मान्यता है कि इसी दिन 'आदियोगी' भगवान शिव ने अपने शिष्यों को योग का ज्ञान देना शुरू किया था। इसलिए यह दिन ‘योग का उद्गम’ भी कहलाता है।

इस खगोलीय और आध्यात्मिक महत्व के कारण ही 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के लिए चुना गया।

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योग की शुरुआत कब हुई?
योग कोई नया ट्रेंड नहीं है, इसकी जड़ें हजारों साल पुरानी हैं। भारत में योग की शुरुआत 5000 साल पहले हुई थी। सबसे पुराना प्रमाण ऋग्वेद और इंडस वैली सभ्यता की मूर्तियों में मिलता है, जिनमें ध्यान मुद्रा में बैठे व्यक्ति की आकृति है।

पतंजलि और योगसूत्र
योग को एक व्यवस्थित दर्शन के रूप में स्थापित करने का श्रेय महर्षि पतंजलि को जाता है। उन्होंने 'योगसूत्र' की रचना की, जिसमें अष्टांग योग (8 अंगों वाला योग) का विस्तार से वर्णन है। आज भी ये सूत्र योगाभ्यास की मूलभूत आधारशिला माने जाते हैं।

योग का मतलब केवल आसन नहीं
अधिकतर लोग योग को केवल शारीरिक व्यायाम या आसनों तक सीमित समझते हैं, जबकि योग एक जीवनशैली और दर्शन है। इसमें शारीरिक स्वास्थ्य के साथ-साथ मानसिक, भावनात्मक और आध्यात्मिक संतुलन पर भी ज़ोर दिया जाता है।

विज्ञान भी है सहमत
आधुनिक विज्ञान ने योग के फायदों को स्वीकार किया है। अध्ययन बताते हैं कि यह तनाव कम करता है, मेंटल हेल्थ को बेहतर करता है और शारीरिक लचीलापन बढ़ाता है। 2025 में हुए एक शोध के मुताबिक, योग डीएनए की मरम्मत में भी मदद कर सकता है।

UN में सबसे तेजी से पारित हुआ प्रस्ताव
योग दिवस को लेकर प्रस्ताव संयुक्त राष्ट्र महासभा में इतिहास में सबसे तेजी से पारित होने वाले प्रस्तावों में से एक था। इसे सिर्फ 3 महीने में स्वीकृति मिली और 193 में से 177 देशों ने इसका सपोर्ट किया जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है।

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