Mental Health: युवाओं की मेंटल हेल्थ क्यों हो रही खराब? जानें शुरुआती लक्षण और कैसे करें बचाव

Edited By Updated: 27 Sep, 2025 06:06 PM

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आज के दौर में युवाओं का मानसिक स्वास्थ्य तेज़ी से बिगड़ रहा है, जो एक गंभीर चिंता का विषय है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, दुनिया भर में हर 7 में से 1 युवा किसी न किसी मानसिक समस्या से जूझ रहा है। भारत में भी 15 से 24 वर्ष आयु वर्ग के लगभग...

नेशनल डेस्क: आज के दौर में युवाओं का मानसिक स्वास्थ्य तेज़ी से बिगड़ रहा है, जो एक गंभीर चिंता का विषय है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, दुनिया भर में हर 7 में से 1 युवा किसी न किसी मानसिक समस्या से जूझ रहा है। भारत में भी 15 से 24 वर्ष आयु वर्ग के लगभग 14% युवा डिप्रेशन और तनाव से प्रभावित हैं। मानसिक स्वास्थ्य बिगड़ने से डिप्रेशन, एंग्जायटी, नींद न आना और आत्महत्या के विचार जैसी गंभीर स्थितियाँ उत्पन्न हो सकती हैं।

युवाओं की मेंटल हेल्थ क्यों हो रही खराब?
गाजियाबाद जिला MMG हॉस्पिटल के मनोरोग विभाग के डॉ. एके विश्वकर्मा बताते हैं कि युवाओं की मानसिक स्थिति पर कई कारक एक साथ असर डाल रहे हैं:
➤ करियर और पढ़ाई का दबाव: कॉम्पटीशन बढ़ने के कारण स्ट्रेस और परफॉर्मेंस प्रेशर अत्यधिक बढ़ गया है।
➤ सोशल मीडिया की तुलना: सोशल मीडिया पर दूसरों की 'परफेक्ट' लाइफ देखकर युवा खुद को कम आंकने लगते हैं, जिससे तुलना की आदत और अकेलापन बढ़ता है।
➤ संवाद की कमी: परिवार और दोस्तों के साथ खुलकर बात न कर पाने से अकेलापन महसूस होता है।
➤ बदलती लाइफस्टाइल: नींद की कमी, रिलेशनशिप में दिक्कतें, असफलता का डर और नशे की आदतें मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करती हैं।
➤ ऑनलाइन लाइफस्टाइल: COVID-19 के बाद से ऑनलाइन लाइफस्टाइल ने युवाओं को शारीरिक गतिविधियों से दूर कर दिया है, जिससे मानसिक ऊर्जा कमजोर हुई है।


मानसिक स्वास्थ्य बिगड़ने के 6 शुरुआती लक्षण
डॉ. विश्वकर्मा के अनुसार, इन शुरुआती संकेतों को पहचानना बहुत जरूरी है, ताकि समय रहते मदद ली जा सके:
➤ मूड में तेज़ी से बदलाव: छोटी-छोटी बातों पर अचानक गुस्सा आना या लगातार उदास महसूस करना।
➤ रुचि और प्रोडक्टिविटी में कमी: काम या पढ़ाई में मन न लगना, ध्यान भटकना और उत्पादकता (Productivity) गिरना।
➤ नींद और भूख में बदलाव: या तो बहुत कम सोना या बहुत ज्यादा सोना, भूख कम लगना या अत्यधिक खाना।
➤ सामाजिक दूरी: दोस्तों और परिवार से खुद को दूर रखना, अकेले रहना पसंद करना।
➤ बेचैनी और घबराहट: बार-बार डर, घबराहट या बेचैनी (Anxiety) महसूस होना।
➤ नेगेटिव विचार: आत्मविश्वास में कमी, खुद को बेकार समझना और नकारात्मक विचारों का बढ़ना।


बचाव के लिए अपनाएं ये तरीके
मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए विशेषज्ञ ये सरल उपाय सुझाते हैं:
➤ नींद और दिनचर्या: पर्याप्त नींद लें और एक नियमित दिनचर्या बनाए रखें।
➤ व्यायाम और ध्यान: नियमित व्यायाम और मेडिटेशन को अपने रूटीन में शामिल करें।
➤ सीमित सोशल मीडिया: सोशल मीडिया का उपयोग सीमित और सकारात्मक रखें।
➤ खुलकर बात करें: अपने भरोसेमंद दोस्तों या परिवार से अपनी भावनाओं के बारे में खुलकर बातें करें।
➤ प्रोफेशनल हेल्प: अगर तनाव या उदासी बनी रहे, तो प्रोफेशनल काउंसलर या डॉक्टर से मदद लेने से न हिचकिचाएं।
➤ आराम का समय: पढ़ाई और करियर के साथ-साथ मानसिक आराम के लिए भी समय निकालें।
➤ नशे से दूरी: किसी भी तरह के नशे या अस्वस्थ आदतों से दूर रहें।

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