Alert! आपके पल-पल की बातें सुनता है आपका फोन... IIT दिल्ली की रिपोर्ट में हुआ बड़ा खुलासा

Edited By Updated: 30 Oct, 2025 05:57 PM

your phone is listening to your every conversation iit delhi report reveals

IIT दिल्ली की एक रिसर्च ने खुलासा किया है कि स्मार्टफोन के GPS सिग्नल सिर्फ लोकेशन नहीं, बल्कि यूजर की हरकतें, आसपास का माहौल और कमरे की बनावट तक बता सकते हैं। शोध में बने सिस्टम “AndroCon” ने दिखाया कि कोई भी ऐप ‘प्रिसाइज लोकेशन परमिशन’ लेकर आपकी...

नेशनल डेस्क : अगर आप सोचते हैं कि आपके फोन का GPS सिर्फ लोकेशन बताने के काम आता है, तो यह खबर आपको चौंका देगी। IIT दिल्ली के वैज्ञानिकों ने खुलासा किया है कि आपके स्मार्टफोन का GPS सिर्फ रास्ता ही नहीं बताता, बल्कि आपकी गतिविधियों, आसपास के माहौल और यहां तक कि कमरे की बनावट तक का पता लगा सकता है।

GPS बन गया ‘जासूस’

IIT दिल्ली के सेंटर ऑफ एक्सीलेंस इन साइबर सिस्टम्स एंड इंफॉर्मेशन एश्योरेंस में एम.टेक छात्र सोहम नाग और कंप्यूटर साइंस विभाग की प्रोफेसर डॉ. स्मृति आर. सारंगी के नेतृत्व में यह शोध किया गया है। रिसर्च में पाया गया कि मोबाइल में मौजूद सूक्ष्म GPS सिग्नल सिर्फ लोकेशन ही नहीं बल्कि व्यक्ति की स्थिति जैसे बैठा है, खड़ा है, चल रहा है या यात्रा कर रहा है, का भी सटीक अनुमान लगा सकते हैं।

यह भी पढ़ें - Heavy Rain Alert: 31 अक्टूबर को होगी भयंकर बारिश, IMD ने इन राज्यों में जारी किया हाई अलर्ट

'AndroCon' सिस्टम ने किया खुलासा

रिसर्च टीम ने एक खास सिस्टम 'AndroCon' तैयार किया, जो एंड्रॉयड ऐप्स को मिलने वाले 'फाइन-ग्रेन GPS डेटा' का विश्लेषण करता है। यह सिस्टम बिना कैमरा, माइक्रोफोन या सेंसर के भी सिर्फ GPS सिग्नल से पता लगा सकता है कि व्यक्ति कमरे में है, बाहर है या किसी भीड़ में मौजूद है। इस तकनीक ने 99% सटीकता से वातावरण की पहचान की और 87% सटीकता से इंसानी गतिविधियों को ट्रैक किया। यानी अगर आप फोन के पास हाथ हिलाएं, तो वह भी सिस्टम नोट कर लेता है।

कमरे और बिल्डिंग का नक्शा भी बना लेता है फोन

'AndroCon' सिस्टम GPS पैटर्न और यूजर की मूवमेंट के जरिए कमरे, लिफ्ट, सीढ़ियों जैसी जगहों का नक्शा तैयार कर सकता है। यह इनडोर मैपिंग सिर्फ 4 मीटर से भी कम त्रुटि सीमा में संभव हो पाती है। शोधकर्ताओं का कहना है कि यह तकनीक स्मार्ट सर्विसेज के लिए उपयोगी हो सकती है, लेकिन इससे यूजर की प्राइवेसी पर बड़ा खतरा भी मंडरा सकता है।

क्यों है प्राइवेसी के लिए खतरा

डॉ. सारंगी के अनुसार, कोई भी एंड्रॉयड ऐप अगर 'Precise Location Permission' (सटीक स्थान अनुमति) मांगता है, तो वह GPS सिग्नल के जरिए आपकी हर गतिविधि का पता लगा सकता है, भले ही आपने माइक्रोफोन या कैमरे की अनुमति न दी हो। इसका मतलब है आपका फोन आपकी जानकारी के बिना आपके निजी माहौल की निगरानी कर सकता है।

कैसे रखें खुद को सुरक्षित

अगर आप अपनी प्राइवेसी बचाना चाहते हैं तो ऐप्स को प्रिसाइस लोकेशन की अनुमति देने से बचें, खासकर तब जब ऐप के लिए यह फीचर जरूरी न हो। जरूरत पड़ने पर ही GPS ऑन करें और ऐप सेटिंग्स में जाकर नियमित रूप से परमिशन की जांच करें। यह अध्ययन बताता है कि तकनीक जितनी सुविधाजनक होती जा रही है, उतना ही वह हमारी निजता के लिए खतरा भी बन रही है। इसलिए डिजिटल दुनिया में सतर्क रहना ही समझदारी है।

Related Story

    IPL
    Royal Challengers Bengaluru

    190/9

    20.0

    Punjab Kings

    184/7

    20.0

    Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

    RR 9.50
    img title
    img title

    Be on the top of everything happening around the world.

    Try Premium Service.

    Subscribe Now!