पंजाब के लोगों को लूटने वाली ‘Pearl Company’ के प्रबंधकों को बचा रहे कैप्टन अमरिंदर सिंह : कुलतार

Edited By rajesh kumar,Updated: 06 Jul, 2021 03:33 PM

pearl company properties being sold despite supreme court stay

आम आदमी पार्टी के विधायक और किसान विंग के सूबा प्रधान कुलतार सिंह संधवां ने दोष लगाया कि सुप्रीम कोर्ट की ओर से ‘पर्ल कंपनी’ की जायदादें खरीदने और बेचने संबंधित लगाई रोक (स्टे) के बावज़ूद लुधियाना की साइकिल वैली के नजदीक वाली जमीन राजनैतिक नेताओं और...

चंडीगढ़ : आम आदमी पार्टी के विधायक और किसान विंग के सूबा प्रधान कुलतार सिंह संधवां ने दोष लगाया कि सुप्रीम कोर्ट की ओर से ‘पर्ल कंपनी’ की जायदादें खरीदने और बेचने संबंधित लगाई रोक (स्टे) के बावज़ूद लुधियाना की साइकिल वैली के नजदीक वाली जमीन राजनैतिक नेताओं और उच्च आधिकारियों की द्वारा बेची जा रही है। उन्होंने कहा कि पंजाब के लोगों को लूटने वाली ‘पर्ल कंपनी’ के प्रबंधकों को मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह बादलों की तरह ही बचाव कर रहे हैं, जिस कंपनी ने पंजाब के 30 लाख परिवारों के करोड़ों रुपए लूट लिए हैं।

इस मौके उनके साथ विधायक जै कृष्ण सिंह रोड़ी और अमरजीत सिंह सन्दोआ मौजूद थे। मंगलवार को पार्टी के मुख्य दफ्तर में विधायक कुलतार सिंह संधवां ने पत्रकारों से बातचीत करते बताया कि पर्ल कंपनी के मुख्य प्रबंधक निर्मल सिंह भंगू और अन्यों ने पंजाब के हर घर से पैसों का निवेश अपनी कंपनी में करवाया था और पंजाब में अलग अलग स्थानों पर जमीनें खरीदी थी, परन्तु पर्ल प्रबंधकों ने पंजाब के लोगों के पैसे वापिस नहीं किए।

उन्होंने दोष लगाया कि न तो बादल सरकार और न ही कैप्टन अमरिंदर सिंह की सरकार ने पंजाब के लोगों के पैसे वापिस करवाने के लिए कोई कदम उठाया है, बल्कि निर्मल सिंह भंगू को जेल भेजने की बजाए डाक्टरी इलाज के नाम पर आलीशान अस्पतालों में सुरक्षा दे  रखा है। संधवां ने सुखबीर बादल पर शब्दी हल्ला बोलते कहा कि पर्ल कंपनी की ओर से लोगों के लूट के पैसों के साथ ‘विश्व कबड्डी कप’ करवाने वाला 30 लाख परिवारों के करोड़ों रुपए वापस करवाए। 

कुलतार सिंह संधवां ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने 2016 के आदेशों के अनुसार पर्ल कंपनी की जायदादें बेचने और खरीदने पर रोक लगा दी थी, निवेशकों के पैसे वापिस करने के लिए जस्टिस लोढा आयोग का गठन किया था। उन्होंने बताया कि अदालती रोक के बावज़ूद पर्ल कंपनी की लुधियाना में 10 हज़ार करोड़ रुपए वाली 400 एकड़ जमीन में से कुछ जमीन को उच्च अफसरों और राजनैतिक नेताओं की मिलीभगत के साथ बेच दिया गया है। इतना ही नहीं बल्कि पहले इस जमीन में से मिट्टी और रेता बेचा गया और अब वहां कृषि की जा रही है।

संधवा ने दोष लगाया कि इस जमीन पर हो रही कृषि की कमाई और रेत और मिट्टी बेचने की कमाई न तो कंपनी के पास गई, न लोगों के पास और न ही सेबी के खातों में जमा करवाई गई।  विधायक संधवां ने पंजाब सरकार को चेतावनी देते कहा कि पर्ल कंपनी की जायदादें बेचनी बंद की जाएं, नहीं तो आम आदमी पार्टी कांग्रेस सरकार के खिलाफ पंजाब में धरने प्रदर्शन करेगी और सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की उल्लंघन के दोष में सरकार के खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी।

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