कंपनियों, ई-कॉमर्स कारोबारियों को उत्पादों पर उनके ‘मूल उद्गम स्थल’ को अंकित करना होगा: पासवान

Edited By Updated: 09 Jul, 2020 08:06 PM

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नयी दिल्ली, नौ जुलाई (भाषा) उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान ने बृहस्पतिवार को कहा कि राज्य सरकारों को उन प्रावधानों को सख्ती से लागू करने का निर्देश दिया गया जिनके तहत कंपनियां और ई-कॉमर्स कारोबारियों को सभी उत्पादों पर उनके ‘मूल...

नयी दिल्ली, नौ जुलाई (भाषा) उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान ने बृहस्पतिवार को कहा कि राज्य सरकारों को उन प्रावधानों को सख्ती से लागू करने का निर्देश दिया गया जिनके तहत कंपनियां और ई-कॉमर्स कारोबारियों को सभी उत्पादों पर उनके ‘मूल उद्गम स्थल’ को अंकित करना आवश्यक है।
सभी उत्पादों पर उसके उत्पत्ति स्थल का उल्लेखन करने का प्रावधान जनवरी 2018 से लागू है और यह कानून सभी विनिर्माताओं, आयातकों, पैकर्स और ई-कॉमर्स कारोबारियों के लिए है। वाणिज्य मंत्रालय से अब यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है कि ई-कॉमर्स कंपनियां भी इस नियम का सख्ती से पालन करें।
पासवान ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमने बार बार कहा है कि हमारे पास इस तरह का प्रावधान है। हमने राज्य सरकारों को प्रावधान को सख्ती से लागू करने और उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।’’ ऑफलाइन या ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म के माध्यम से बेचे जाने वाले किसी भी उत्पाद पर उसके उद्गम स्थल का ब्यौरा होना चाहिये। इसके अलावा उस उत्पाद पर अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी), उपयोग करने की सुरक्षित अवधि, उत्पाद की कुल मात्रा और उपभोक्ता देखभाल जैसे अन्य विवरणों को प्रकाशित करना भी अनिवार्य है।
जनवरी 2018 में, सरकार ने विनिर्माताओं, आयातकों, पैकर्स और ई-कॉमर्स संस्थाओं के लिए 'मूल उद्गम देश' घोषित करने के एक नए प्रावधान को जोड़ने के लिए कानूनी माप-पद्धति (पैकबंद जिंस) नियम, 2011 में संशोधन किया था।
उपभोक्ता मामलों की सचिव लीना नंदन ने कहा कि अधिकांश कंपनियां ऑफलाइन बाजारों में बेचे जाने वाले उत्पाद के लेबलिंग पर इन प्रावधानों को लागू कर रही हैं। लेकिन, ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म अपनी वेबसाइटों पर इसे प्रमुखता से नहीं दिखा रहे हैं। यदि इस प्रावधान का कड़ाई से अनुपालन किया जाता है, तो उपभोक्ता सोच समझ ककर कोई निर्णय ले सकते हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘सभी ई-कॉमर्स साइटों को अपनी वेबसाइट पर इसे प्रदर्शित करना होगा। हमने ई-कॉमर्स साइटों का पंजीकरण करने वाली संस्था, उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) को इसका अनुपालन कराने के बारे में लिखा है। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर डीपीआईआईटी के साथ विचार विमर्श चल रहा है।
सचिव ने कहा कि उपभोक्ता चिंताओं को दूर करने के लिए, केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) की स्थापना की गई है जिसमें उपभोक्ता मामला विभाग के अतिरिक्त सचिव, मुख्य आयुक्त तथा भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) के महानिदेशक जांच अधिकारी होंगे।
किसी तरह की शिकायत के मिलने पर, या केंद्र सरकार के निर्देश पर सीसीपीए के पास उपभोक्ता अधिकारों या अनुचित व्यापार प्रथाओं के उल्लंघन से संबंधित मामलों की पूछताछ करने या जांच करने की शक्तियां होंगी। उन्होंने कहा कि मंत्रालय ने सीसीपीए की संरचना और कार्यप्रणाली से संबंधित नियमों को अंतिम रूप दे दिया है, और इसे 20 जुलाई को अधिसूचित किए जाने की उम्मीद है।


यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।

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