Edited By PTI News Agency,Updated: 11 May, 2021 10:22 PM
नयी दिल्ली, 11 मई (भाषा) आयकर विभाग ने मंगलवार को कहा कि अस्पतालों, चिकित्सालयों और कोविड देखभाल केंद्रों को मरीजों या उनके परिजनों से 2 लाख रुपये से अधिक नकद स्वीकार करने की अनुमति देने के निर्णय का मकसद महामारी के समय प्रभावित लोगों के लिये...
नयी दिल्ली, 11 मई (भाषा) आयकर विभाग ने मंगलवार को कहा कि अस्पतालों, चिकित्सालयों और कोविड देखभाल केंद्रों को मरीजों या उनके परिजनों से 2 लाख रुपये से अधिक नकद स्वीकार करने की अनुमति देने के निर्णय का मकसद महामारी के समय प्रभावित लोगों के लिये चीजों को आसान बनाना है।
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने ट्वीट के जरिये रपटों का खंडन करते हुए कहा कि उसने कोई परिपत्र जारी नहीं किया है जिसमें कहा गया है कि अस्पतालों को प्राप्त नकद राशि के बारे में आयकर विभाग को जानकारी देनी होगी।
आयकर विभाग ने ट्विटर पर लिखा है, ‘‘सीबीडीटी ने महामारी के दौरान मरीजों के लिये चीजों को आसान बनाने का कार्य किया है। आयकर कानून की धारा 269 एसटी के प्रावधान में छूट देते हुए कोविड इलाज के लिये अस्पतालों को 2 लाख रुपये से अधिक के भुगतान की अनुमति दी गयी है। यह छूट इस शर्त पर दी गयी है कि भुगतान करने वाला का पैन या आधार उपलब्ध कराया जाना चाहिये।’’
सीबीडीटी ने पिछले सप्ताह अस्पतालों, चिकित्सालयों और कोविड देखभाल केद्रों को मरीजों या उनके रिश्तेदारों से 31 मई तक 2 लाख रुपये से अधिक नकद राशि में भुगतान लेने की अनुमति दी है। हालांकि, इसके लिये जरूरी है कि इकाइयां मरीज और पैसे देने वाले का आधार या पैन प्राप्त करे। साथ ही उनके बीच संबंध की जानकारी भी ली जानी चाहिये।
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