Edited By PTI News Agency,Updated: 25 Nov, 2021 12:41 AM

नयी दिल्ली, 24 नवंबर (भाषा) राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) और आधार की संस्थापक टीम के वरिष्ठ सदस्य आर एस शर्मा ने बुधवार को निजता को लेकर आशंकाओं के चलते भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) द्वारा लगाए...
नयी दिल्ली, 24 नवंबर (भाषा) राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) और आधार की संस्थापक टीम के वरिष्ठ सदस्य आर एस शर्मा ने बुधवार को निजता को लेकर आशंकाओं के चलते भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) द्वारा लगाए गए कुछ अंकुशों की आलोचना की है।
यूआईडीएआई के पहले महानिदेशक रहे शर्मा ने कहा कि ‘डेटा वॉल्ट’ की अवधारणा भ्रामक है, जो आधार के उद्देश्य पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रही है।
शर्मा ने यूआईडीएआई द्वारा आयोजित कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘आधार अधिनियम कहता है कि आधार की जानकारी सुरक्षित रूप से रखी जानी चाहिए। आधार संख्या एक पहचान नहीं है। यह (डेटा वॉल्ट) नोटों पर सभी नंबरों को किसी सुरक्षित तिजोरी में रखने जैसा है। यानी इन नंबरों का खुलासा नहीं किया जा सकता। यह एक भ्रामक तरीका है। एक बार जब आप एक गलत नींव से शुरुआत करते हैं तो आगे सब कुछ गलत होता जाता है।’’
यूआईडीएआई ने हाल ही में आधार डेटा वॉल्ट की एक अवधारणा पेश की है जो अधिकृत एजेंसियों द्वारा एकत्र किए गए सभी आधार नंबरों के लिए एक केंद्रीकृत भंडारण के रूप में काम करेगा।
शर्मा ने कहा कि यूआईडीएआई यह अवधारणा लेकर आया है कि आधार को प्रकाशित नहीं किया जाएगा, जो पूरी तरह से भ्रामक है।
उन्होंने कहा, ‘‘मेरा मतलब है कि यह मेरा आधार है। व्यक्तिगत संख्या सरकार की नहीं होती। मैं इसे प्रकाशित कर सकता हूं। कोई मुझे कैसे बता सकता है कि अगर मैं अपनी आधार संख्या प्रकाशित की, तो आपको जेल हो जाएगी। यह एक और भ्रम है जो होने लगा है।’’
उन्होंने कहा कि निजता के नाम पर आपको उद्देश्य को समाप्त नहीं करना चाहिए।
शर्मा ने कहा कि उच्चतम के फैसले ने निजता की उचित अपेक्षाओं को परिभाषित किया है। इस फैसले के बाद बाद एक संशोधन किया गया है, जो पहचान साबित करने के लिए आधार के स्वैच्छिक उपयोग की अनुमति देता है।
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