Edited By PTI News Agency,Updated: 07 Dec, 2022 09:57 AM

नयी दिल्ली, छह दिसंबर (भाषा) यहां की एक अदालत ने एक विवाहित एनआरआई दंपति को एक ‘सरोगेट’ बच्चे का कानूनी माता-पिता घोषित किया है।
नयी दिल्ली, छह दिसंबर (भाषा) यहां की एक अदालत ने एक विवाहित एनआरआई दंपति को एक ‘सरोगेट’ बच्चे का कानूनी माता-पिता घोषित किया है।
अदालत ने यह भी कहा कि सरोगेट मां और उसके पति (प्रतिवादियों) के पास बच्चे का माता-पिता होने जैसा कोई अधिकार नहीं है। इसने उन्हें गर्भकालीन ‘सरोगेसी’ समझौते की शर्तों का उल्लंघन करने से रोक दिया।
अदालत वादी (एनआरआई युगल) द्वारा दायर एक वाद की सुनवाई कर रही थी, जिन्होंने 28 अगस्त, 2019 को प्रतिवादियों के साथ एक समझौता किया था और इस आशंका पर अदालत का रुख किया था कि प्रतिवादी भविष्य में बच्चे के संरक्षण का दावा कर सकते हैं।
प्रशासनिक दीवानी न्यायाधीश दीपक वत्स ने वादियों को सभी उद्देश्यों के लिए बच्चे का कानूनी या प्राकृतिक माता-पिता घोषित किया और प्रतिवादियों को समझौते का उल्लंघन करने से रोकने के लिए स्थायी निषेधाज्ञा भी पारित की।
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