Edited By Shubham Anand,Updated: 03 Nov, 2025 03:09 PM

सामान्य स्वास्थ्य बीमा हर बीमारी का खर्च नहीं उठा पाता, इसलिए विशेषज्ञ क्रिटिकल इलनेस कवर जोड़ने की सलाह देते हैं। इससे कैंसर, हार्ट अटैक जैसी गंभीर बीमारियों में एकमुश्त राशि मिलती है। पॉलिसी खरीदते समय बीमारियों की सूची, वेटिंग पीरियड और फैमिली...
नेशनल डेस्क : सामान्य स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी हर बीमारी का खर्च नहीं उठाती, खासकर कैंसर, हार्ट अटैक या किडनी फेलियर जैसी गंभीर बीमारियों में ये अपर्याप्त साबित होती हैं। विशेषज्ञों की सलाह है कि मौजूदा पॉलिसी में क्रिटिकल इलनेस कवर अवश्य जोड़ें। इससे थोड़ा अतिरिक्त प्रीमियम देकर आप लाखों रुपये की मेडिकल लागत से बच सकते हैं।
गंभीर बीमारी के दौरान अस्पताल के खर्च के अलावा दवाइयां, घरेलू खर्च और इनकम लॉस भी झेलना पड़ता है। क्रिटिकल इलनेस कवर ऐसी स्थिति में एकमुश्त बड़ी राशि प्रदान करता है, जिससे इलाज के साथ-साथ अन्य जरूरतें भी पूरी की जा सकती हैं। इसे महज इंश्योरेंस नहीं, मुश्किल समय की वित्तीय लाइफलाइन कहा जा रहा है।
एजेंट के भरोसे न रहें, खुद समझें पॉलिसी
बीमा विशेषज्ञों का कहना है कि कई लोग एजेंट के कहने पर फॉर्म भरते हैं और बाद में पछताते हैं। पॉलिसी खरीदने या अपडेट करने से पहले निम्नलिखित बातें जरूर जांचें:
कितनी गंभीर बीमारियां कवर हैं?
वेटिंग पीरियड कितना है?
क्या फैमिली फ्लोटर प्लान शामिल है?
छोटी-छोटी डिटेल्स समझकर आप भविष्य में बड़ी मुसीबत से बच सकते हैं।
सेक्शन 80D में टैक्स छूट, राइडर का भी फायदा लें
आयकर अधिनियम की धारा 80D के तहत स्वास्थ्य बीमा पर टैक्स छूट मिलती है। यदि आपने क्रिटिकल इलनेस राइडर जोड़ा है, तो उसका भी टैक्स लाभ लेना न भूलें। इससे प्रीमियम का बोझ कम होगा और बचत बढ़ेगी। समझदारी से पॉलिसी अपडेट करने से सुरक्षा और बचत – दोनों का डबल फायदा मिलता है। यदि आपकी उम्र 40 वर्ष से अधिक है या आप हाई-रिस्क नौकरी (जैसे खनन, निर्माण, ड्राइविंग) में हैं, तो क्रिटिकल इलनेस कवर एक जरूरी निवेश है। इस उम्र में गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है और इलाज का खर्च आसमान छूता है।