Edited By Shubham Anand,Updated: 28 Sep, 2025 06:06 PM

नेत्र विशेषज्ञों के अनुसार हाई ब्लड प्रेशर, जिसे "साइलेंट किलर" कहा जाता है, का सबसे पहला असर आंखों पर पड़ता है। रेटिना की ब्लड वेसल्स रक्तचाप में बदलाव को दिखाती हैं। लंबे समय तक हाई बीपी से हाइपरटेंसिव रेटिनोपैथी, आर्टीरियोवेनस निकिंग, रेटिनल वेन...
नेशनल डेस्क: आज के समय में हाई ब्लड प्रेशर यानी उच्च रक्तचाप एक आम समस्या बन चुका है, जिसे "साइलेंट किलर" के नाम से भी जाना जाता है। शुरुआत में इसके लक्षण नजर नहीं आते, लेकिन समय के साथ यह खतरनाक रूप ले सकता है। विशेषज्ञों के अनुसार, हाई बीपी का सबसे पहले असर हमारे शरीर के उस अंग पर दिखता है, जो सबसे संवेदनशील है – यानी आंख।
आंखों से कैसे पता चलता है हाई बीपी:
हाई ब्लड प्रेशर के प्रभाव का सबसे पहला संकेत आंखों में रेटिना पर दिखाई देता है। रेटिना में मौजूद छोटी ब्लड वेसल्स रक्तचाप में मामूली बदलाव को भी तुरंत दर्शाती हैं। जैसे-जैसे ब्लड प्रेशर बढ़ता है, ये वेसल्स पहले की तुलना में सख्त और संकरी नजर आने लगती हैं। इसका असर आंखों में साफ दिखाई देता है और डॉक्टर इसके माध्यम से मरीज की हाई बीपी की स्थिति का अंदाजा लगा सकते हैं।
हाई बीपी से आंखों को कितना नुकसान होता है
अगर हाई बीपी लंबे समय तक बनी रहती है, तो रेटिना को नुकसान पहुंचता है, जिसे मेडिकल टर्म में हाइपरटेंसिव रेटिनोपैथी कहा जाता है। इस स्थिति में रेटिनल आर्टरीज सख्त और मोटी हो जाती हैं। समय के साथ इन आर्टरीज के चारों तरफ सिल्वर वायरिंग दिखाई देने लगती है और ब्लड फ्लो बाधित होने लगता है, जिसे आर्टीरियोवेनस निकिंग कहा जाता है।
अगर यह स्थिति लंबे समय तक बनी रहे, तो इससे दृष्टि पर असर पड़ने लगता है। इसके अलावा रेटिनल वेन ऑक्लूजन, रेटिनल आर्टरी ऑक्लूजन, मैलिग्नेंट हाइपरटेंशन और आंखों में सूजन या फ्लूएड रिसाव जैसी गंभीर समस्याएं भी हो सकती हैं। लंबे समय तक हाई बीपी का प्रभाव हार्ट और किडनी सहित आंखों पर भी गहरा असर डालता है।
डॉक्टर क्या कहते हैं
नई दिल्ली के निजी अस्पताल की प्रतिष्ठित नेत्र विशेषज्ञ डॉ. रामचंद्र सिंह का कहना है, "हाई बीपी सिर्फ हार्ट और किडनी पर असर नहीं डालता, यह आंखों को भी नुकसान पहुंचाता है। इसलिए हाई बीपी के मरीजों को नियमित रूप से आंखों की जांच करवाते रहना चाहिए ताकि समय रहते किसी गंभीर समस्या से बचा जा सके।"