Child Mobile Addiction: बच्चों की मोबाइल की लत कैसे छुड़ाएं? डॉक्टर से जानें ये असरदार तरीके

Edited By Updated: 27 Dec, 2025 09:01 PM

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आज के डिजिटल दौर में बच्चों में मोबाइल की लत एक गंभीर समस्या बन गई है, जिससे उनका शारीरिक और मानसिक विकास प्रभावित हो रहा है। विशेषज्ञों के अनुसार, अत्यधिक स्क्रीन टाइम से आंखों में थकान, चिड़चिड़ापन और नींद की कमी जैसी समस्याएं हो रही हैं। आरएमएल...

नेशनल डेस्क : आज के समय में मोबाइल फोन हमारी रोजमर्रा की जिंदगी का अहम हिस्सा बन चुका है। पढ़ाई, मनोरंजन और संवाद के लिए मोबाइल का इस्तेमाल आम हो गया है, लेकिन इसका असर बच्चों पर तेजी से दिखाई दे रहा है। बच्चे स्कूल, घर और खेल-कूद के बीच मोबाइल का इस्तेमाल आसानी से करने लगे हैं। कई माता-पिता यह नोटिस करते हैं कि उनके बच्चे घंटों मोबाइल पर व्यस्त रहते हैं और जब उनसे मोबाइल छीना जाता है या दूर किया जाता है, तो वे बेचैनी, चिड़चिड़ापन और तनाव का शिकार हो जाते हैं।

विशेषज्ञों का मानना है कि मोबाइल का यह अत्यधिक इस्तेमाल धीरे-धीरे लत में बदल सकता है। इसका सीधा असर बच्चों की दिनचर्या, पढ़ाई, खेल-कूद और सामाजिक गतिविधियों पर पड़ता है। इतना ही नहीं, लंबे समय तक मोबाइल देखने से बच्चों की ध्यान केंद्रित करने की क्षमता, नींद की गुणवत्ता और मानसिक स्वास्थ्य पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। ऐसे में यह समझना बेहद जरूरी हो जाता है कि बच्चों की इस आदत को कैसे कंट्रोल किया जाए और उन्हें संतुलित व स्वस्थ जीवनशैली की ओर कैसे प्रेरित किया जाए।

कैसे छुड़ाएं बच्चों की मोबाइल की आदत?
आरएमएल अस्पताल के मेडिसिन विभाग में कार्यरत डॉ. सुभाष गिरि बताते हैं कि बच्चों में मोबाइल की लत को दूर करने के लिए माता-पिता की भूमिका सबसे अहम होती है। इसके लिए सबसे पहले बच्चों के साथ खुलकर बातचीत करना जरूरी है। उन्हें प्यार और समझदारी के साथ यह समझाया जाना चाहिए कि मोबाइल का जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल उनकी सेहत, पढ़ाई और मानसिक विकास के लिए नुकसानदायक हो सकता है।

डॉ. गिरि के अनुसार, बच्चों के लिए मोबाइल इस्तेमाल की समय-सीमा तय करनी चाहिए और दिन का एक निश्चित समय ही मोबाइल के लिए निर्धारित करना चाहिए। इसके साथ ही बच्चों को अन्य मनोरंजक और रचनात्मक गतिविधियों की ओर आकर्षित करना बेहद जरूरी है। परिवार के साथ खेलना, बाहर घूमना, पढ़ाई करना, किताबें पढ़ना और हॉबी से जुड़े काम मोबाइल से ध्यान हटाने में मदद करते हैं।

विशेषज्ञ यह भी सलाह देते हैं कि माता-पिता खुद मोबाइल का सीमित उपयोग करें, ताकि बच्चे उनसे सही उदाहरण ले सकें। बच्चों को अचानक मोबाइल से दूर करने के बजाय धीरे-धीरे समय कम करने की आदत डालनी चाहिए। जब बच्चे तय किए गए नियमों का पालन करें, तो उनकी तारीफ करना और उन्हें शाबाशी देना भी सकारात्मक बदलाव लाने में मदद करता है।

ज्यादा मोबाइल देखने से क्या हो सकती हैं समस्याएं?
ज्यादा मोबाइल इस्तेमाल बच्चों में कई शारीरिक और मानसिक समस्याओं की वजह बन सकता है। लंबे समय तक मोबाइल स्क्रीन देखने से आंखों में थकान, जलन, धुंधला दिखाई देना और सिरदर्द जैसी समस्याएं आम हो जाती हैं। इसके अलावा बच्चों की नींद प्रभावित होती है, जिससे वे दिनभर थके हुए और चिड़चिड़े नजर आते हैं।

मानसिक रूप से भी इसका असर गंभीर हो सकता है। बच्चे तनाव में रहने लगते हैं, उनका स्वभाव चिड़चिड़ा हो जाता है और वे लोगों से मिलना-जुलना या बाहर खेलना कम पसंद करने लगते हैं। इसका सीधा असर उनकी पढ़ाई, खेल-कूद और सामाजिक जीवन पर पड़ता है। लगातार मोबाइल पर निर्भर रहने से बच्चों का भावनात्मक और सामाजिक विकास भी प्रभावित हो सकता है, जो लंबे समय में उनके व्यक्तित्व पर असर डालता है।

इन बातों का रखें खास ध्यान
मोबाइल का इस्तेमाल दिन में सीमित समय तक ही करने दें।

बच्चों को बाहर खेलने और शारीरिक गतिविधियों के लिए प्रोत्साहित करें।

रात में सोने से पहले बच्चों को मोबाइल न दें।

बच्चों के साथ समय बिताएं और उनसे खुलकर बातचीत करें।

मोबाइल इस्तेमाल से जुड़े नियम साफ तौर पर तय करें और उनका पालन सुनिश्चित करें।

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