Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 28 Jul, 2025 05:33 PM

दुनिया भर में हर साल लगभग डेढ़ करोड़ लोग स्ट्रोक का सामना करते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की रिपोर्ट के अनुसार, इनमें से करीब 50 लाख लोगों की मौत हो जाती है और उतने ही लोग हमेशा के लिए विकलांग हो जाते हैं। स्ट्रोक यानी लकवा सिर्फ जानलेवा नहीं...
नेशनल डेस्क: दुनिया भर में हर साल लगभग डेढ़ करोड़ लोग स्ट्रोक का सामना करते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की रिपोर्ट के अनुसार, इनमें से करीब 50 लाख लोगों की मौत हो जाती है और उतने ही लोग हमेशा के लिए विकलांग हो जाते हैं। स्ट्रोक यानी लकवा सिर्फ जानलेवा नहीं होता बल्कि प्रभावित व्यक्ति की पूरी जिंदगी बदल देता है। हाल ही में वैज्ञानिकों ने एक नया शोध किया है जो इस बीमारी के खतरे को समझने में मदद करता है। इस शोध से पता चला है कि आपके ब्लड ग्रुप का आपके स्ट्रोक के जोखिम से गहरा संबंध हो सकता है।
कौन सा ब्लड ग्रुप है सबसे ज्यादा जोखिम में?
शोध के अनुसार, जिन लोगों का ब्लड ग्रुप 'A' होता है उन्हें 60 साल की उम्र से पहले स्ट्रोक होने की संभावना करीब 16 प्रतिशत ज्यादा होती है। वहीं, सबसे आम ब्लड ग्रुप 'O' वाले लोगों के लिए राहत की बात है कि उनका स्ट्रोक का खतरा 12 प्रतिशत तक कम पाया गया है। ब्लड ग्रुप 'B' और 'AB' वाले लोग भी स्ट्रोक के जोखिम में हो सकते हैं, लेकिन उनकी संभावना थोड़ी कम होती है। हालांकि कुछ आबादी में 'AB' ब्लड ग्रुप को भी उच्च जोखिम वाला पाया गया है।
ब्लड ग्रुप और स्ट्रोक के बीच क्या है लिंक?
खून में मौजूद कुछ प्रोटीन जैसे वॉन विलेब्रांड फैक्टर और फैक्टर VIII, जो खून को गाढ़ा करने में मदद करते हैं, ब्लड ग्रुप 'A' वाले लोगों में अधिक पाए जाते हैं। ये प्रोटीन खून के थक्के बनाने की प्रवृत्ति को बढ़ा देते हैं। खून के थक्के दिमाग तक रक्त प्रवाह को रोककर इस्कीमिक स्ट्रोक का कारण बन सकते हैं, जो सबसे आम प्रकार का स्ट्रोक होता है। हमारा ब्लड ग्रुप लाल रक्त कोशिकाओं की सतह पर मौजूद एंटीजन नामक रासायनिक पदार्थों की वजह से निर्धारित होता है। इनमें थोड़ी-थोड़ी आनुवंशिक भिन्नताएं भी हमारे स्वास्थ्य को प्रभावित करती हैं। ABO जीन और स्ट्रोक के खतरे के बीच इस नए शोध में यह संबंध भी पाया गया है।
स्ट्रोक के प्रति जागरूकता क्यों जरूरी है?
हर साल इतने ज्यादा लोगों पर स्ट्रोक का असर होता है, इसलिए इसके खतरे को समझना और बचाव के उपाय जानना बेहद जरूरी है। स्ट्रोक का समय से पहले पता चलना और रोकथाम से न केवल जान बचाई जा सकती है बल्कि अपाहिजता से भी बचा जा सकता है। मैरीलैंड स्कूल ऑफ मेडिसिन के शोधकर्ताओं ने यह निष्कर्ष निकाला है कि ब्लड ग्रुप की जानकारी से युवा वयस्कों में स्ट्रोक के खतरे का अंदाजा लगाकर नए बचाव के रास्ते खोजे जा सकते हैं।
घबराएं नहीं, समझदारी से काम लें
यह जानना जरूरी है कि ब्लड ग्रुप सिर्फ एक संकेतक है। इसका मतलब यह नहीं कि 'A' ब्लड ग्रुप वाले हर व्यक्ति को स्ट्रोक होगा ही। यह केवल जोखिम को थोड़ा बढ़ाता है। इसी तरह, 'O' ब्लड ग्रुप वाले पूरी तरह सुरक्षित नहीं हैं। इसलिए ज्यादा चिंता करने की बजाय स्वस्थ जीवनशैली अपनाना जरूरी है।
स्ट्रोक से बचने के उपाय
नियमित व्यायाम करें, जिससे रक्त संचार ठीक रहता है।
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संतुलित आहार लें जिसमें फल, सब्जियां, और कम वसा वाले पदार्थ शामिल हों।
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धूम्रपान और शराब से बचें।
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तनाव को कम करने के लिए योग या ध्यान करें।
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यदि परिवार में स्ट्रोक का इतिहास हो तो डॉक्टर से सलाह जरूर लें।