‘नकली दवाओं का धंधा’ देश में जारी!

Edited By ,Updated: 02 Jul, 2025 05:19 AM

fake medicine business continues in the country

भारत को विश्व का तीसरा सबसे बड़ा दवा निर्माता होने के कारण ‘विश्व की फार्मेसी’ भी कहा जाता है। यहां विश्व की 60 प्रतिशत वैक्सीन और 20 प्रतिशत जैनेरिक दवाएं बनती हैं परंतु अब इनमें मिलावट का धंधा शुरू हो गया है।

भारत को विश्व का तीसरा सबसे बड़ा दवा निर्माता होने के कारण ‘विश्व की फार्मेसी’ भी कहा जाता है। यहां विश्व की 60 प्रतिशत वैक्सीन और 20 प्रतिशत जैनेरिक दवाएं बनती हैं परंतु अब इनमें मिलावट का धंधा शुरू हो गया है। ‘भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग मंडल’ (एसोचैम) के अनुसार भारत में बनी 25 प्रतिशत दवाएं नकली या घटिया हैं। बुखार, शूगर, ब्लड-प्रैशर व पेन-किलर और कैंसर तक की घटिया या नकली दवाएं बाजार में कई प्रसिद्ध स्वदेशी एवं विदेशी कंपनियों के नाम से बेची जा रही हैं। पिछले साढ़े 3 महीनों में पकड़ी गई नकली दवाओं के चंद उदाहरण निम्न में दर्ज हैं :

* 7 मार्च, 2025 को ‘ज्ञानपुर भदोही’ (उत्तर प्रदेश) में महाराष्ट्र की ‘ब्रांड प्रोटैक्शन सॢवस’ तथा पुलिस ने एक मकान में चलाया जा रहा नकली दवाओं का कारखाना पकड़ कर वहां से बच्चों के जीवन रक्षक सिरप, लिवर की दवा और एक प्रसिद्ध कंपनी के ‘पेन-बाम’ समेत 7 प्रसिद्ध ब्रांड्स की नकली दवाइयां, फैविकोल, रैपर, शीशियां, स्टिकर और पैकिंग मशीन बरामद कीं।

* 25 मई को ‘गया जी’ (बिहार) में नकली और नशीली दवाओं के कारोबारियों के विरुद्ध कार्रवाई के दौरान जीवन रक्षक दवाओं के टैबलेट, इंजैक्शन और नशीली दवाओं सहित लगभग 4 करोड़ रुपए मूल्य की नकली दवाएं जब्त करके एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया।  
* 4 जून को दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने कैंसर की नकली दवाएं  बेचने वाले एक अंतर्राज्यीय गिरोह के 6 सदस्यों को गिरफ्तार करके उनसे लाखों रुपए मूल्य की कैंसर की नकली दवाएं बरामद कीं। 
आरोपी असली दवाओं की तुलना में बहुत कम कीमत पर नकली दवाएं बेचते थे तथा 1.5 से 2 लाख रुपए मूल्य तक कीमत  वाली असली दवाओं  के नाम से बनाई नकली दवाएं 50-70 हजार रुपयों में उपलब्ध करवाते थे। 
* 7 जून को दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने कैंसर की नकली दवाओं की सप्लाई करने वाले गिरोह में शामिल 2 आरोपियों ‘नवदीप कुमार’ और ‘कृष्ण कुमार’ को गिरफ्तार करके उनसे काफी मात्रा में नकली, इम्पोर्टेड, गैर-रजिस्टर्ड व ‘नॉट फॉर सेल इन इंडिया’ वाली कैंसर की दवाएं बरामद कीं।

* 28 जून को ‘दिल्ली ड्रग्स कंट्रोल विभाग’ ने एक प्रसिद्ध दवा निर्माता कंपनी की नकली दवा बेचने वाले नैटवर्क का भंडाफोड़ करके बड़ी मात्रा में ‘कोलैस्ट्रोल’ को नियंत्रित करने वाली नकली दवाएं जब्त कीं। 
* 28 जून को ही ‘देहरादून’ (उत्तराखंड) में ब्रांडेड एवं प्रतिष्ठिïत दवाइयों की कंपनी की दवाओं के नाम से नकली दवाइयां बनाने वाले गिरोह के सरगना ‘संतोष कुमार’ को गिरफ्तार किया गया।  
* 28 जून को ही जारी की गई विज्ञप्ति में हिमाचल प्रदेश के ‘सोलन’ जिले की 33, सिरमौर की 9 और ऊना जिले की 3 दवा बनाने वाली कंपनियों के सैंपल फेल होने की जानकारी दी गई। उल्लेखनीय है कि देश में जुलाई, 2024 से जून, 2025 के बीच दवाओं के कुल 1324 सैम्पल फेल हुए हैं, जिनमें हिमाचल का आंकड़ा 373 है।

* 29 जून को ‘हरिद्वार’ (उत्तराखंड) में पुलिस ने छापेमारी करके ब्रांडेड दवा कंपनियों के नाम पर नकली दवाएं बनाने वाले 2 आरोपियों को गिरफ्तार किया। पकड़ी गई दवाओं में पैरासिटामोल, पेन-किलर और शूगर की दवा की हजारों टैबलेट शामिल थीं। 
* 30 जून को ‘भिवाड़ी’ (राजस्थान) में नकली दवाएं बनाने और कई राज्यों में बेचने के आरोप में ‘नवीन बंसल’ नामक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया। वह और उसके साथी उत्तराखंड में एक फैक्टरी में नकली दवाइयां बनाते थे। 
नकली दवाओं के ये निर्माता और विक्रेता न सिर्फ धन के लालच में लोगों की जान को खतरे में डाल रहे हैं बल्कि दूसरे देशों में भारत की बदनामी का कारण भी बन रहे हैं, अत: ऐसे कृत्यों में शामिल होने वाले अपराधियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करने और उन्हें शिक्षाप्रद दंड देने की आवश्यकता है।—विजय कुमार 

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