Edited By Radhika,Updated: 29 Dec, 2025 01:01 PM

अरावली क्षेत्र के संरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने एक बड़ा कदम उठाया है। शीर्ष अदालत ने अरावली की पहाड़ियों से जुड़े मामले में पूर्व के आदेश पर रोक (Stay) लगा दी है।
नेशनल डेस्क: अरावली क्षेत्र के संरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने एक बड़ा कदम उठाया है। शीर्ष अदालत ने अरावली की पहाड़ियों से जुड़े मामले में पूर्व के आदेश पर रोक (Stay) लगा दी है। इसी के साथ पहाड़ियों की वर्तमान स्थिति और पर्यावरण के संरक्षण का आकलन करने के लिए एक विशेष समिति का गठन किया है। इस मामले की गंभीरता को देखते हुए कोर्ट ने अब अगली सुनवाई के लिए 21 जनवरी 2026 की तारीख तय की है।
समिति करेगी अरावली की निगरानी
सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि अरावली क्षेत्र का पारिस्थितिक महत्व बहुत अधिक है, इसलिए इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं बरती जा सकती। नवगठित समिति पहाड़ियों में हो रहे अवैध खनन और अतिक्रमण की जांच करेगी और अपनी रिपोर्ट अदालत को सौंपेगी।
क्या है मुख्य विवाद?
अरावली क्षेत्र में लंबे समय से अवैध निर्माण और पहाड़ियों के दोहन को लेकर कानूनी लड़ाई चल रही है। पर्यावरणविदों का मानना है कि राजस्थान और हरियाणा में फैली इन पहाड़ियों के नुकसान से दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण और सूखे का खतरा बढ़ सकता है। कोर्ट द्वारा गठित यह समिति अब वैज्ञानिक और प्रशासनिक दृष्टिकोण से अरावली को बचाने का रोडमैप तैयार करेगी।