Edited By Mehak,Updated: 24 Dec, 2025 02:07 PM

नए साल 2026 की शुरुआत में देश में कार, बाइक और इलेक्ट्रिक वाहनों की कीमतें बढ़ सकती हैं। ऑटो कंपनियों ने संकेत दिए हैं कि कच्चे माल की महंगाई, जैसे तांबा, एल्युमिनियम और इलेक्ट्रॉनिक पार्ट्स, और डॉलर के मुकाबले रुपये की कमजोरी के कारण कीमतें बढ़ाना...
नेशनल डेस्क : नए साल 2026 की शुरुआत के साथ ही देश में वाहन खरीदने की योजना बना रहे लोगों की जेब पर अतिरिक्त बोझ पड़ सकता है। कई प्रमुख ऑटोमोबाइल कंपनियों ने संकेत दिए हैं कि जनवरी 2026 से कार, बाइक और इलेक्ट्रिक वाहनों की कीमतों में बढ़ोतरी की जा सकती है। इसका असर उन ग्राहकों पर पड़ेगा, जो नए साल में नई गाड़ी खरीदने का इंतजार कर रहे हैं।
कच्चे माल की बढ़ती लागत बनी वजह
ऑटो कंपनियों का कहना है कि गाड़ियों के निर्माण में इस्तेमाल होने वाले कच्चे माल की कीमतें तेजी से बढ़ी हैं। तांबा, एल्युमिनियम और अन्य खास धातुएं इंजन, इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम और कई जरूरी पार्ट्स में इस्तेमाल होती हैं। इनमें से बड़ी मात्रा विदेशों से मंगाई जाती है। डॉलर के मुकाबले रुपये के कमजोर होने से इंपोर्ट की लागत और बढ़ गई है, जिससे कंपनियों के खर्च में इजाफा हुआ है।
कितनी बढ़ सकती हैं कीमतें
बाजार विशेषज्ञों के मुताबिक, साल की शुरुआत में कीमतों में बदलाव करना कंपनियों की सामान्य रणनीति होती है। इस बार कारों की कीमतों में करीब 2 से 3 फीसदी तक की बढ़ोतरी हो सकती है। हालांकि बाजार में प्रतिस्पर्धा ज्यादा होने के कारण कंपनियां बहुत ज्यादा दाम बढ़ाने से बचेंगी। मजबूत मांग और अच्छी बुकिंग के चलते कंपनियों को उम्मीद है कि कीमतें बढ़ने के बावजूद बिक्री पर ज्यादा असर नहीं पड़ेगा।
किन कंपनियों ने बढ़ोतरी का संकेत दिया
कुछ ऑटो कंपनियों ने पहले ही कीमतें बढ़ाने का ऐलान कर दिया है। JSW MG Motor India ने कहा है कि जनवरी से उसके सभी मॉडल लगभग 2 फीसदी तक महंगे होंगे। Mercedes-Benz India ने भी अपनी पूरी रेंज की कीमतें बढ़ाने की घोषणा की है। BMW Motorrad India ने मोटरसाइकिलों के दाम बढ़ाने की बात कही है। इसके अलावा इलेक्ट्रिक स्कूटर निर्माता Ather Energy भी अपने सभी मॉडल्स की कीमतों में इजाफा करने जा रही है।
टू-व्हीलर और इलेक्ट्रिक वाहन भी होंगे महंगे
कीमतों में बढ़ोतरी का असर सिर्फ कारों तक सीमित नहीं रहेगा। बाइक और इलेक्ट्रिक स्कूटर भी महंगे हो सकते हैं। इलेक्ट्रॉनिक पार्ट्स की बढ़ती लागत और विदेशी मुद्रा में उतार-चढ़ाव इसकी बड़ी वजह मानी जा रही है। आने वाले दिनों में और कंपनियां भी कीमतें बढ़ाने का फैसला कर सकती हैं।