J.P. Morgan का बड़ा दावा... साल 2026 में 10 ग्राम सोने की कीमत होगी इतनी

Edited By Updated: 24 Dec, 2025 11:39 AM

jp morgan makes a big claim the price of 10 grams gold will be this much in 2026

साल 2025 में सोने की कीमतों में रिकॉर्ड तेजी देखने को मिली है। एक साल में सोना करीब 59,600 रुपये प्रति 10 ग्राम महंगा हो गया। JP Morgan के अनुसार, सेंट्रल बैंकों और निवेशकों की बढ़ती मांग, कमजोर डॉलर और वैश्विक अनिश्चितता के कारण गोल्ड की चमक बरकरार...

नेशनल डेस्क : साल 2025 में सोने की कीमतों ने अब तक का रिकॉर्ड तोड़ते हुए निवेशकों और आम लोगों का ध्यान खींचा है। साल 2024 के आखिरी दिन 31 दिसंबर को सोना 78,950 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर था, जो अब बढ़कर 1,38,550 रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंच गया है। यानी महज एक साल के भीतर सोने की कीमत में 59,600 रुपये प्रति 10 ग्राम की भारी बढ़ोतरी दर्ज की गई है।

इस तेज़ उछाल के चलते निवेशकों के बीच सोने को लेकर उत्साह और मांग दोनों में जबरदस्त इजाफा देखने को मिल रहा है। हालांकि बढ़ती कीमतों को देखकर मिडिल क्लास के लिए सोना पहुंच से बाहर होने की चिंता भी बढ़ी है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि रिकॉर्ड हाई स्तर पर पहुंचने के बावजूद सोने में निवेश का आकर्षण बना रहेगा।

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2026 तक और महंगा हो सकता है सोना

J.P. Morgan की ग्लोबल कमोडिटीज स्ट्रैटेजी हेड नताशा कानेवा के मुताबिक, सेंट्रल बैंकों और बड़े निवेशकों के बीच गोल्ड डाइवर्सिफिकेशन का लॉन्ग-टर्म ट्रेंड अभी खत्म नहीं हुआ है। उनका अनुमान है कि 2026 के अंत तक सोने की कीमत 5,000 डॉलर प्रति औंस तक पहुंच सकती है, जो भारतीय बाजार में करीब 1.60 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम के बराबर होगा।

क्यों बढ़ रही है सोने की चमक?

विशेषज्ञों के अनुसार, कमजोर अमेरिकी डॉलर, फेडरल रिजर्व की कम ब्याज दरों की संभावना और वैश्विक भू-राजनीतिक तनाव सोने की कीमतों को लगातार सपोर्ट दे रहे हैं। अनिश्चित आर्थिक और राजनीतिक माहौल में सोना निवेशकों के लिए सुरक्षित विकल्प यानी “सेफ हेवन” बना हुआ है। यही वजह है कि इसे जोखिम के समय बीमा की तरह देखा जा रहा है।

निवेश और सेंट्रल बैंकों की रिकॉर्ड मांग

J.P. Morgan में बेस और कीमती धातुओं के रणनीति प्रमुख ग्रेगरी शीयर के अनुसार, 2025 की तीसरी तिमाही में निवेशकों (ETFs, फ्यूचर्स, बार और सिक्के) और सेंट्रल बैंकों की कुल सोने की मांग करीब 980 टन रही। यह पिछले चार तिमाहियों के औसत से लगभग 50 प्रतिशत अधिक है। इसी अवधि में निवेशकों ने औसतन 3,458 डॉलर प्रति औंस की कीमत पर करीब 109 अरब डॉलर का निवेश किया, जो लगभग 950 टन सोने के बराबर है। यह आंकड़ा भी पिछले चार तिमाहियों के औसत से करीब 90 प्रतिशत ज्यादा है।

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मिडिल क्लास की चिंता, निवेशकों की उम्मीद

जहां एक तरफ आम लोगों के लिए सोना महंगा होता जा रहा है, वहीं दूसरी ओर निवेशकों को इसमें लंबे समय तक मजबूती की उम्मीद नजर आ रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि जब तक वैश्विक अनिश्चितता बनी रहेगी, तब तक सोने की कीमतों में मजबूती का रुझान जारी रह सकता है।

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