सभी देशभक्त भारतवासी हिन्दू भी भारतीय भी

Edited By ,Updated: 06 Feb, 2023 03:51 AM

all patriotic indians hindus and indians too

भारत की एक विकट बुनियादी समस्या के कारण सैंकड़ों सालों से हजारों दंगों में लाखों भारतीयों का नर संहार होता रहा। उसी समस्या के कारण 1947 में भारत का विभाजन हुआ जिसमें लगभग 10 लाख बेगुनाहों का नरसंहार हुआ और लगभग एक करोड़ लोग अपने घरों से विस्थापित...

भारत की एक विकट बुनियादी समस्या के कारण सैंकड़ों सालों से हजारों दंगों में लाखों भारतीयों का नर संहार होता रहा। उसी समस्या के कारण 1947 में भारत का विभाजन हुआ जिसमें लगभग 10 लाख बेगुनाहों का नरसंहार हुआ और लगभग एक करोड़ लोग अपने घरों से विस्थापित हुए। उसी समस्या के संबंध में पिछले कुछ दिनों में देश के विद्वानों ने एक बहुत बढिय़ा समाधान बताया है। उस पर पूरे देश में चर्चा भी हो रही है।

मैं सबसे पहले उन सब विद्वानों को नमन करता हूं। लेकिन उनसे यह आग्रह करूंगा कि उन्होंने समाधान बताया, उस पर चर्चा हुई। इतना ही काफी नहीं है, उन विद्वानों से मेरा आग्रह है कि वे उन्हीं विचारों के सभी धर्मों के विद्वानों को इकट्ठा करें और इस विषय पर देश में एक प्रबल जनमत बनाएं। 

इससे अधिक दुर्भाग्य की बात क्या हो सकती है कि एक ही परिवार के दो भाइयों के बीच सदियों से नरसंहार होता रहा। उसी के कारण देश के विभाजन का कलंक भारत के माथे पर लगा। मुझे विश्वास है कि आज पूरा देश इन विद्वानों के इस समाधान से सहमत होने के मूड में है। यदि इस विचार से एक राष्ट्रीय सहमति बने तो भारत के माथे का यह कलंक सदा के लिए मिटाया जा सकता है। संघ के प्रमुख आदरणीय मोहन भागवत जी ने कहा कि हिंदू और मुसलमानों का डी.एन.ए. एक है। दोनों पूर्ण रूप से भारतीय हैं। भारत के प्रसिद्ध विद्वान श्री वेद प्रताप वैदिक जी ने सूत्र रूप में कहा-कि हिंदू शब्द भौगोलिक है धार्मिक नहीं है। इसी बात को केरल के राज्यपाल श्री आरिफ मोहम्मद खान ने एक सदी पहले अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के संस्थापक सर सैयद अहमद खां के हवाले से कहा कि जो भी कोई भारत में पैदा हुआ, भारत का अन्न खाता है और भारत का जल ग्रहण करता है वह हिंदू है। 

आरिफ जी ने कहा कि मुझे हिंदू क्यों नहींं कहते। भारतीय जनता पार्टी के मुम्बई अधिवेशन में सर्वोच्च न्यायालय के अवकाश प्राप्त मुख्य न्यायाधीश मुहम्मद करीम छागला जी को यह शब्द कहते हुए मैंने स्वयं सुना था। उन्होंने कहा था-मेरी रगों में ऋषि-मुनियों का खून दौड़ता है। मेरे पुरखों ने केवल पूजा करने का तरीका बदला था। कश्मीर के नेता फारुक अब्दुल्ला कई बार कह चुके हैं कि उनके पुरखे कश्मीरी पंडित थे। इसलिए वे पहले पंडित हैं। 1893 में स्वामी विवेकानन्द ने शिकागो के विश्व धर्म सम्मेलन में घोषणा की थी-किसी को अपना धर्म बदलने की आवश्यकता नहींं। जिस प्रकार विभिन्न नदियां अपने-अपने रास्ते से चल कर एक ही समुद्र में मिलती हैं उसी प्रकार सभी धर्मों के रास्ते एक ही परमात्मा के पास पहुंचते हैं। वेदांत और हिंदुत्व पर स्वामी जी के भाषण सुन कर सम्मेलन में बैठें विश्व भर के पांच हजार विद्वान प्रभावित हुए थे। स्वामी विवेकानन्द जी ने कहा था-भारत में मुसलमान व हिंदू मिलकर एक मजबूत भारत बना सकते हैं। 

भारत के इतिहास की यह सबसे बड़ी सच्चाई है जिसको भूलने के कारण भारत सदियों से खून की नदियां बहाता रहा है। हमारे शास्त्रों में भी यही बात एक बार नहीं बार-बार कही गई है। पुराणों के इन दो श्लोकों में इसी सच्चाई को हजारों वर्षों पहले यूं कहा गया था। 

आसिन्धो सिन्धु पर्यन्ता: यस्य भारत भूमिका: पितृभू पुण्यभूश्रैव स: वै हिन्दू इति स्मृत: अर्थात हिमालय से लेकर समुद्र तक इस भारत को जो लोग अपनी पितृ भूमि और पुण्य भूमि समझते है वे हिंदू हैं। पुराण का दूसरा श्लोक: उत्तरम् यत् समुद्रस्य हिमाद्रे चैव दक्षिणम्वर्श तद् भारतम् नाम भारती यत्र संतति अर्थात जिस देश के उत्तर में हिमालय पर्वत और दक्षिण में समुद्र है उसका नाम भारत है और उसमें रहने वाले भारतीय हैं। 

भारत में किसी धार्मिक ग्रंथ में कहीं नहीं लिखा कि मंदिर जाने वाले ही हिंदू हैं। वेद प्रताप वैदिक जी का यह कथन अत्यंत महत्वपूर्ण है कि हिंदू शब्द भौगोलिक है धार्मिक नहीं। वेदान्त के शाश्वत सिद्धांत तब खोजे गए जब ऋषि-मुनि आश्रमों में रहते थे। मंदिर तो बहुत बाद में बनने लगे। अपने साम्राज्य के दिनों में मुसलमान कई देशों में गए। धर्म का प्रचार किया। अपने राज्य स्थापित किए परन्तु उन अधिकतर देशों में लोगों ने पूजा करने का तरीका बदला संस्कृति पुरानी ही रही। इंडोनेशिया मुस्लिम बहुल देश है परन्तु वहां गणेश की पूजा होती है और राम लीला की जाती है। एक बार भारत के मंत्री वहां गए। 

राम लीला देख कर हैरान हुए। उन्होंने वहां के मंत्री से पूछा कि आप मुसलमान होते हुए भी राम लीला क्यों करते हैं। इंडोनेशिया के उस मंत्री ने बहुत सुंदर उत्तर दिया था। उन्होंने कहा-हमारे पुरखों ने पूजा करने का तरीका बदला था बाप-दादा नहीं बदले। दुर्भाग्य से भारत में पूजा पद्धति ही  नहीं राष्ट्रीयता बदलने की कोशिश भी हुई। दो राष्ट्र सिद्धांत पर पाकिस्तान बना। हजारों साल पहले कुछ विदेशी भारत में आए, अत्याचार किया, मंदिर तोड़े। कुछ समय राज भी किया। आज के भारत के लाखों मुसलमानों का उन विदेशी आतताइयों से कोई संबंध नहींं है, होना भी  नहीं चाहिए। उस समय के जिन हिंदुओं ने किसी कारण धर्म बदला उन की संतान आज के मुसलमान हैं। इसलिए हिंदू मुसलमान सब एक भारत माता के पुत्र हैं। मैं देश के सभी धर्मों के सभी विद्वानों से विशेष आग्रह करूंगा कि वे सब मिल कर पूरे देश को इस सच्चाई को समझाए। यह महत्वपूर्ण राष्ट्रीय प्रयास अमृतकाल की एक महत्वपूर्ण उपलब्धि होगा।-शांता कुमार(पूर्व मुख्यमंत्री हि.प्र. और पूर्व केन्द्रीय मंत्री)

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!