कुत्तों का खाना विद्याॢथयों को परोस रहा चीन

Edited By ,Updated: 19 Mar, 2023 05:16 AM

china is serving dog food to students

चीन की बदहाली की नई-नई तस्वीरें आए दिन अंतर्राष्ट्रीय मीडिया की सुर्खियां बन रही हैं।

चीन की बदहाली की नई-नई तस्वीरें आए दिन अंतर्राष्ट्रीय मीडिया की सुॢखयां बन रही हैं। सब जानते हैं कि अंदर से चीन की अर्थव्यवस्था भरभराकर गिर रही है, बेरोजगारी बढऩे और निर्यात के लगभग शून्य होने के साथ ही एक सी.पी.सी. अपने बढ़े हुए निर्यात के गलत आंकड़े पेश कर रही है तो वहीं दूसरी तरफ लोग भूख से दम तोड़ रहे हैं। ताजा मामला आया है दक्षिणी चीन के सिचुआन प्रांत के एक अमीर स्कूल से जहां पर कैंटीन में बच्चों को कुत्तों का खाना परोसा जा रहा है।

यह स्कूल सिचुआन का सबसे संभ्रांत स्कूल है जहां पर बच्चों से सालाना फीस 40 हजार युआन यानी चार लाख रुपए ली जाती है। इस स्कूल में पूरे चीन के अमीर लोग अपने बच्चों को पढऩे के लिए भेजते हैं लेकिन इस ताजा मामले ने बच्चों के अभिभावकों को चौंका दिया है। क्या वाकई में चीन के इतने बुरे दिन आ गए हैं कि वह अपने छात्रों को स्कूल की कैंटीन में कुत्तों का खाना खिला रहा है? चीन के प्रमुख अखबार च्यो पाई न्यूज की खबर के अनुसार दक्षिणी चीन के सिचुआन प्रांत में यान शहर के छंगरी फॉरेन लैंग्वेज एक्सपैरीमैंटल स्कूल की यह घटना है जहां पर कुत्तों को परोसा जाने वाला चिकन छात्रों को कैंटीन में खिलाया जा रहा है।

यह खाना खाने के बाद कई बच्चों को डायरिया की शिकायत होने लगी जिससे छात्रों के अभिभावकों ने स्कूल प्रशासन से सवाल पूछा कि क्या उनके बच्चों का स्वास्थ्य इस स्कूल में सुरक्षित है? वहीं स्कूल ने अभिभावकों की चिंताओं को ज्यादा तवज्जो नहीं दी और इस पूरे मामले को दबाने की कोशिश भी की लेकिन इस स्कूल में पढऩे वाले बच्चे अमीर माता-पिता की संतान हैं और वह ऊंची फीस देकर अपने बच्चों को यहां पढ़ाते हैं। अभिभावकों की पहुंच संभव है कि सी.पी.सी. के शीर्ष स्तर तक हो, इसलिए वह इस मुद्दे को नहीं छोड़ेंगे।

कुछ अभिभावकों ने स्कूल का दौरा भी किया और स्कूल के गेट के बाहर इक_ा हो गए, स्कूल की कैंटीन का सामान लाने वाला ट्रक उस समय स्कूल के गेट पर पहुंचा तभी सारे अभिभावकों ने ट्रक को घेर लिया और अपने सामने ट्रक को खुलवा कर देखा कि उसके अंदर क्या है, ट्रक का दरवाजा खुलने के बाद पता चला कि उसमें छीले हुए आलू रखे थे जिन्हें किसी रसायन में डुबोकर निकाला गया था जिससे आलू का रंग एकदम सफेद था जबकि आलू छीलने के दस मिनट के अंदर ही अपना रंग बदल लेता है।

वहीं दूसरी पेटियों में मांस निकाले हुए चिकन की हड्डियां रखी थीं जिन्हें ताओबाओ और जे.डी. वैबसाइट से 50 युआन में खरीदा जाता है, एक पेटी का वजन  5 किलो 800 ग्राम था। इसका मांस निकाल कर चिकन की हड्डियों को कुत्तों के खाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है लेकिन यह चिकन स्कूल के बच्चों को खाने में दिया जा रहा था। यह सब जानने के बाद जब स्कूल में अभिभावकों ने हंगामा खड़ा किया तो स्कूल कैफेटेरिया ने इंस्पैक्शन की लिस्ट जारी की जिसमें सप्लायर से सामान के दाम और गुणवत्ता के बारे में लिखा था।

इस इंस्पैक्शन रिपोर्ट में बच्चों के माता-पिता ने पाया कि इस लिस्ट में कुछ अनियमितताएं थीं, पहली यह थी कि जो सब्जियां 5 मार्च को स्कूल में सप्लाई हुई थीं उनके ऊपर 6 मार्च की तारीख लिखी गई थी। जब बच्चों के माता-पिता ने सप्लायर को इस मामले पर घेरा तो उसने सबके सामने माफी मांगी और आगे से ऐसा नहीं करने की बात कही, लेकिन वहीं स्कूल ने एक और पैंतरा चला जिसमें स्कूल ने अभिभावकों पर स्कूल में आकर सामान्य हालात में व्यवधान पैदा करने का आरोप लगाया।

स्कूल ने पैंतरा बदलते हुए कहा कि अभिभावकों के पास इस बात का कोई सबूत नहीं है और स्कूल पर आरोप लगाने से पहले उन्हें कैफेटेरिया की समस्याओं के दावों को प्रमाणित करने के लिए साक्ष्य लाने की बात कही। वहीं दूसरी तरफ स्कूल ने एक और चाल चली, उसने अभिभावकों से कहा कि अभी तक हमारा ट्रक स्कूल के अंदर दाखिल नहीं हुआ है इसलिए इस बात का अभिभावकों के पास कोई सबूत भी नहीं है कि बच्चों को स्कूल कैफेटेरिया में खराब खाना खिलाया जा रहा था। लेकिन 7 मार्च को यूछंग जिला सरकार ने पाया कि अभिभावकों की शिकायत सही थी और जिला सरकार ने स्कूल के खिलाफ सख्त कार्रवाई की।

सबसे पहले स्कूल पर 2 लाख युआन का जुर्माना लगाया गया, तीन प्रशासनिक अधिकारियों को हिरासत में लिया गया। जब प्रशासन सख्त हुआ तो स्कूल को भी मजबूरी में कार्रवाई करनी पड़ी और सप्लायर के साथ करार को रद्द कर दिया। लॉजिस्टिक्स मैनेजर और  पिं्रसीपल को सेवा से बाहर निकाल दिया। वहीं नेटिजनों ने इस घटना पर रोष जताते हुए कहा कि जिन लोगों ने यह घोटाला किया था उनके नाम सरकार ने सार्वजनिक नहीं किए, वहीं कुछ ने कहा कि सरकार के काम में अब भी पारदॢशता का अभाव है। चीन में विद्याॢथयों को कुत्तों को खिलाने वाला चिकन परोसा जाता है, चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के स्कूल मुनाफा कमाने के लिए किसी भी हद तक गिर सकते हैं।

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